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    Sankashti Chaturthi 2024: भगवान गणेश की पूजा के समय करें ऋणमुक्ति स्तोत्र का पाठ, आर्थिक तंगी से मिलेगी निजात

    धार्मिक मत है कि देवों के देव महादेव के पुत्र भगवान गणेश (Sankashti Chaturthi 2024) की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसके लिए साधक चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की भक्ति भाव से पूजा करते हैं। इस शुभ अवसर पर शिववास और धृति योग का निर्माण हो रहा है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 21 Aug 2024 10:00 PM (IST)
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    Lord Ganesh: भगवान गणेश को कैसे प्रसन्न करें ?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 22 अगस्त को हेरंब संकष्टी चतुर्थी है। यह पर्व भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन श्रद्धा भाव से गणेश जी की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त चतुर्थी व्रत रखा जाता है। धार्मिक मत है कि चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। अतः साधक चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की पूजा करते हैं। अगर आप भी धन संबंधी परेशानी से निजात पाना चाहते हैं, तो हेरंब संकष्टी चतुर्थी पर विधि पूर्वक भगवान गणेश की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय ऋणमुक्ति गणेश स्तोत्र का पाठ करें।

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    ॥ ऋणमुक्ति श्री गणेश स्तोत्रम् ॥

    ॐ स्मरामि देवदेवेशंवक्रतुण्डं महाबलम्।

    षडक्षरं कृपासिन्धुंनमामि ऋणमुक्तये॥

    महागणपतिं वन्देमहासेतुं महाबलम्।

    एकमेवाद्वितीयं तुनमामि ऋणमुक्तये॥

    एकाक्षरं त्वेकदन्तमेकंब्रह्म सनातनम्।

    महाविघ्नहरं देवंनमामि ऋणमुक्तये॥

    शुक्लाम्बरं शुक्लवर्णंशुक्लगन्धानुलेपनम्।

    सर्वशुक्लमयं देवंनमामि ऋणमुक्तये॥

    रक्ताम्बरं रक्तवर्णंरक्तगन्धानुलेपनम्।

    रक्तपुष्पैः पूज्यमानंनमामि ऋणमुक्तये॥

    कृष्णाम्बरं कृष्णवर्णंकृष्णगन्धानुलेपनम्।

    कृष्णयज्ञोपवीतं चनमामि ऋणमुक्तये॥

    पीताम्बरं पीतवर्णपीतगन्धानुलेपनम्।

    पीतपुष्पैः पूज्यमानंनमामि ऋणमुक्तये॥

    सर्वात्मकं सर्ववर्णंसर्वगन्धानुलेपनम्।

    सर्वपुष्पैः पूज्यमानंनमामि ऋणमुक्तये॥

    एतद् ऋणहरं स्तोत्रंत्रिसन्ध्यं यः पठेन्नरः।

    षण्मासाभ्यन्तरे तस्यऋणच्छेदो न संशयः॥

    सहस्रदशकं कृत्वाऋणमुक्तो धनी भवेत्॥

    गणेश मंत्र 

    1. वक्रतुण्ड महाकाय कोटिसूर्य समप्रभ।

    निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।

    2. वक्रतुण्ड महाकाय कोटिसूर्य समप्रभ।

    निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।

    3. ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं चिरचिर गणपतिवर वर देयं मम वाँछितार्थ कुरु कुरु स्वाहा ।

    4. ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।

    5. ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥

    ऋणमुक्ति श्रीगणेश स्तोत्र

    ऋणमुक्ति श्रीगणेश स्तोत्र के पाठ से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है। इस स्तोत्र के रोजाना पाठ से आर्थिक तंगी दूर होती है। ज्योतिष भी आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए ऋणमुक्ति श्रीगणेश स्तोत्र का पाठ करने की सलाह देते हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्नमाध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।