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    Heramb Sankashti Chaturthi 2024: गणपति बप्पा के भोग में शामिल करें प्रिय चीजें, जीवन होगा खुशहाल

    Updated: Wed, 21 Aug 2024 12:11 PM (IST)

    पंचांग के अनुसार हेरंब संकष्टी चतुर्थी व्रत 22 अगस्त को किया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की सच्चे मन से पूजा और व्रत करने से जीवन में खुशियों का आगमन होता है और शुभ फल की प्राप्ति होती है। अगर आप भी प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो गणपति बप्पा को भोग (Lord Ganesh Bhog) जरूर लगाएं।

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    Lord Ganesh: गणपति बप्पा को लगाएं ये भोग

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kab Hai Heramb Sankashti Chaturthi 2024: सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि का विशेष महत्व है। हर वर्ष भादप्रद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को हेरंब संकष्टी चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है। चतुर्थी तिथि भगवान शिव के पुत्र गणपति बप्पा को समर्पित है। धार्मिक मान्यता है कि चतुर्थी के दिन विधिपूर्वक भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से साधक के सभी दुख-संकट दूर होते हैं। साथ ही प्रभु को प्रिय चीजों का भोग लगाने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। यदि आप भी गणपति बप्पा को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो इस लेख में बताए गए भोग भगवान गणेश को जरूर अर्पित करें। आइए जानते हैं भोग के बारे में।

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    भगवान गणेश जी के भोग (Lord Ganesha Favourite Bhog)

    • अगर आप भगवान गणेश को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो हेरंब संकष्टी चतुर्थी के दिन प्रभु को बेसन के लड्डू का भोग जरूर लगाएं। माना जाता है कि इसका भोग लगाने से प्रभु साधक के सभी दुख-दर्द दूर करते हैं।

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    • भगवान गणेश को मोदक बेहद प्रिय है। हेरंब संकष्टी चतुर्थी के भोग में मोदक अवश्य शामिल करें। इससे साधक की सभी मुरादें पूरी होती हैं और पूजा का शुभ फल प्राप्त होता है।
    • इसके अलावा गणपति बप्पा के भोग में केसर से बनी खीर को शामिल करना फलदायी साबित होता है।
    • अगर आप वैवाहिक जीवन में खुशियों का आगमन चाहते हैं, तो हेरंब संकष्टी चतुर्थी पर प्रभु को मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाएं। इससे साधक का वैवाहिक जीवन सदैव खुशियों से भरा रहेगा और प्रेम संबंध भी मजबूत होंगे।

    भोग मंत्र (Bhog Mantra)

    भगवान गणेश को भोग लगाते समय निम्न मंत्र का जप करें। माना जाता है कि मंत्र का जप न करने से प्रभु भोग स्वीकार नहीं करते हैं।

    त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।

    इस मंत्र का अर्थ है कि हे भगवान जो भी मेरे पास है। वो आपका दिया हुआ है। मैं आपको दिया हुआ अर्पित करता हूं। मेरे इस भोग को आप स्वीकार करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।