Samudrik Shastra: पेट पर तिल वाले लोग लक्ष्यों को करते हैं हासिल, जानिए खास बातें
सामुद्रिक शास्त्र में पेट पर तिल (mole on stomach) के आधार पर भविष्य के संकेत बताए जाते हैं। पेट पर तिल होने से पता चलता है कि व्यक्ति खाने-पीने का शौकीन है और उसे समाज में मान-सम्मान मिलता है। महिलाओं और पुरुषों के पेट में तिल होने का अलग-अलग अर्थ होता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सामुद्रिक शास्त्र में शरीर पर तिल के आधार पर भविष्य के संकेतों के बारे में बताया जाता है। पेट पर तिल होना (mole meaning on stomach) बताता है कि ऐसे लोग खाने-पीने के शौकीन होते हैं। इन लोगों को समाज में मान-सम्मान भी मिलता है। आइए जानते हैं कैसी होती है इन लोगों की पर्सनेलिटी।
पेट पर तिल (fortune signs in Samudrik Shastra) का महिलाओं और पुरुषों पर अलग-अलग प्रभाव होता है। पुरुषों के पेट में तिल होने से पता चलता है कि वो करियर के क्षेत्र में आगे रहेंगे। उन्हें धन की किसी प्रकार की कमी नहीं होगी और सामाजिक स्थिति उनकी बेहतर होगी।
वहीं, महिलाओं के पेट में तिल होने से पता चलता है कि उन्हें पारिवारिक सुख, संतान का सुख और वैवाहिक जीवन से जुड़े सभी सुख मिलेंगे। ऐसी महिलाएं जीवन को लेकर बहुत तनाव नहीं लेती हैं।
भाग्यशाली होते हैं दाईं तरफ तिल वाले
पेट के दाहिनी तरफ तिल वाले लोग भाग्यशाली होते हैं। वो अपने लक्ष्यों को लेकर स्पष्ट होते हैं और उसे हासिल भी करते हैं। ऐसे लोग हर क्षेत्र में सफलता पाते हैं और उनके पास असीमित धन होता है। ऐसे लोगों को जीवन में प्रेम बहुत मिलता है और इनका व्यक्तित्व प्रभावशाली होता है।
यह भी पढ़ें- Samudrik Shastra: पीठ पर तिल वाले लोगों की कैसी होती है पर्सनेलिटी, जानिए खास बातें
बाईं तरफ तिल वाले बनाते हैं प्रॉपर्टी
पेट में बाईं तरफ तिल वाले लोग को जीवन में बड़ा संघर्ष करना पड़ता है। जीवन में अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। इसके बाद में इनका भाग्य साथ देता है। फिर ये कभी पीछे मुड़कर नहीं देखते हैं। बाईं तरफ तिल वाले लोग अक्सर बातूनी होते हैं और उनके पास में एक से अधिक संपत्ति होती है।
पाचन तंत्र को लेकर बरतें सावधानी
हालांकि, पेट पर तिल होने का एक यह भी संकेत है कि ऐसे लोगों को अपने पाचन तंत्र को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए। दरअसल, पेट पर तिल वाले लोग खाने-पीने के बहुत शौकीन होते हैं। कई बार यह आदत इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि अपनी क्रेविंग्स को कंट्रोल नहीं कर पाते। इसकी वजह से उनको परेशानियां हो सकती हैं।
यह भी पढ़ें- Guru Purnima 2025: तुलसीदास जी ने बजरंगबली को क्यों माना गुरु, हनुमान चालीसा में क्या लिखा है
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।