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    Roti Ke Niyam: रोटी बनाते समय इन बातों का रखेंगे ध्यान, तो हमेशा भरा रहेगा अन्न का भंडार

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Wed, 20 Sep 2023 04:14 PM (IST)

    Roti Bnane Ke Niyam सनातन धर्म में यह माना गया है कि यदि रोटी बनाते समय नियमों का ध्यान रखा जाए तो इससे माता अन्नपूर्णा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ज ...और पढ़ें

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    Roti Ke Niyam रोटी बनाते समय इन बातों का रखें ध्यान।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Roti Ke Niyam: उत्तर भारत के राज्यों में रोटी भोजन का एक प्रमुख हिस्सा है। हर घर में सुबह-शाम रोटी जरूर बनाई जाती है। हिंदू धर्म शास्त्रों में आटा गूंथने से लेकर रोटी बनाने और रोटी परोसने तक कई नियम बताए गए हैं। जिनका ध्यान रखा जाए तो व्यक्ति को बुरे दिनों का सामना नहीं करना पड़ता।

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    इन बातों का रखें ध्यान

    आटा गूंथने और रोटी बनाने के लिए हमेशा साफ बर्तनों का ही इस्तेमाल करना चाहिए और न ही कभी रोटी बनाने के बाद तवे और बेलन को गंदा छोड़ना चाहिए। इन्हें तुरंत साफ करके रख दें। वरना लक्ष्मी मां नाराज हो सकती हैं।  

    इन्हें दे पहली रोटी

    धर्म शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि हमेशा पहली रोटी गाय के लिए निकलनी चाहिए और आखिरी रोटी कुत्ते के लिए निकालनी चाहिए। इसलिए हमेशा पहली रोटी गाय को खिलाएं और आखिरी रोटी कुत्ते को खिलाएं।

    बचे हुए आटे का क्या करें

    बासी आटे की रोटी बनाना शुभ नहीं माना जाता। इसे स्वास्थ्य की दृष्टि से भी सही नहीं माना गया है। इसलिए कभी भी बासी आटे की रोटी न बनाएं। यदि आटा बच जाता है तो उसकी रोटी बनाकर कुत्ते को खिला सकते हैं।

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    दिशा का रखें ध्यान

    वास्तु शास्त्र में दिशाओं का विशेष महत्व है। ऐसे में रोटी बनाते समय भी दिशाओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए। रोटी बनाते समय बनाने वाले का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। वहीं गैस चूल्हा रखने की सही दिशा दक्षिण-पूर्व दिशा मानी गई है। इन बातों का ध्यान रखने पर मां अन्नपूर्णा की कृपा आपके ऊपर बनी रहती है।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'