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    Rishi Panchami 2024: ऋषि पंचमी पर जरूर करें इस व्रत कथा का पाठ, ताकि मिल सके पूर्ण फल

    Updated: Sat, 07 Sep 2024 04:07 PM (IST)

    ऋषि पंचमी तिथि सप्तऋषियों की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित मानी जाती है। यह व्रत मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत करने से साधक को जाने-अनजाने में हुए पापों से मुक्ति मिल सकती है। ऐसे में व्रत के दिन ऋषि पंचमी (Rishi Panchami 2024 Date) की व्रत कथा का पाठ जरूर करें।

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    Rishi Panchami Vrat Katha ऋषि पंचमी पर जरूर करें इस व्रत कथा का पाठ।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर ऋषि पंचमी का व्रत किया जाता है। ऐसे में इस बार यह व्रत 08 सितंबर 2024 को किया जाएगा। तिथि के अनुसार देखा जाए तो, यह व्रत गणेश चतुर्थी के एक दिन बाद किया जाता है। व्रत कथा के बिना कोई भी व्रत अधूरा माना जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं ऋषि पंचमी की कथा।

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    ऋषि पंचमी की कथा (Rishi Panchami Vrat Katha)

    ऋषि पंचमी की कथा के अनुसार, एक नगरी में एक कृषक और उसकी पत्नी रहती थी। एक बार उसकी पत्नी रजस्वला हो गई, लेकिन यह जानने के बावजूद वह अपने कार्यों में लगी रही। जिस कारण उसे दोष लग गया, चूंकि उसका पति भी इस दौरान उसके संपर्क में आ गया, तो वह भी इस दोष का शिकार हो गया, जिस कारण वह दोनों अगले जन्म में जानवर बन गए। पत्नी को कुतिया का जन्म मिला, तो वहीं पति बैल बन गया।

    पुत्र ने सुन ली सारी बातें

    इस दोनों का इसके अलावा कोई और दोष नहीं था, इसलिए इन्हें पूर्व जन्म की सारी बातें याद थीं। इस रूप में दोनों अपने पुत्र के घर रहने लगे। एक दिन पुत्र के यहां ब्राह्मण पधारे और उसकी पत्नी ने ब्राह्मणों के लिए भोजन पकाया। लेकिन इस दौरान खीर में एक छिपकली गिर गई, जिसे उसकी मां ने देख लिया।

    अपने पुत्र को ब्रह्म हत्या से बचाने के लिए उसने अपना मुख खीर में डाल दिया, लेकिन कुतिया की यह हरकत देखकर, पुत्रवधू को बहुत गुस्सा आया और उसने मारकर उसे घर से बाहर निकाल दिया। जब रात के समय वह यह सारी बात बैल के रूप में अपने पति को बता रही थी, तो उनकी सारी बातें उनके पुत्र ने सुन ली। तब उसने एक ऋषि के पास जाकर इसका उपाय पूछा।

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    ऋषि ने बताया ये उपाय

    ऋषि ने पुत्र से कहा कि अपने माता-पिता को इस दोष से छुटकारा दिलाने के लिए तुम्हें और तुम्हारी पत्नी को ऋषि पंचमी का व्रत करना होगा। ऋषि के कहे अनुसार, पुत्र ने ऐसा ही किया, जिससे उन दोनों को पशु योनि से छुटकारा मिल गया। इसलिए महिलाओं के लिए ऋषि पंचमी का व्रत बहुत ही उत्तम माना जाता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।