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    Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी पर करें हरिद्रा गणेश कवच का पाठ, दुख और दरिद्रता होगी दूर

    ज्योतिषियों की मानें तो गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024) पर दुर्लभ भद्रावास का शुभ संयोग बन रहा है। इस योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक को जीवन में व्याप्त सभी प्रकार की परेशानियों से मुक्ति मिलेगी। साथ ही घर में मंगल का आगमन होगा। इस शुभ तिथि पर साधक श्रद्धा भाव से भगवान गणेश की पूजा-उपासना करते हैं।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 04 Sep 2024 08:00 PM (IST)
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    Ganesh Chaturthi 2024: भगवान गणेश को कैसे प्रसन्न करें ?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित है। इस शुभ तिथि पर भगवान गणेश का अवतरण हुआ है। अतः भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश (Ganesh Chaturthi 2024) की विधि-विधान से पूजा की जाती है। यह पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। धार्मिक मत है कि भगवान गणेश की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी प्रकार के दुख, संकट एवं संताप दूर हो जाते हैं। अगर आप भी भगवान गणेश की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो गणेश चतुर्थी पर गणपति बप्पा की भक्ति भाव से पूजा करें। साथ ही पूजा के समय हरिद्रा गणेश कवच का पाठ करें। इस कवच के पाठ से दुख और दरिद्रता दूर हो जाती है।

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    हरिद्रा गणेश कवच

    शृणु वक्ष्यामि कवचं सर्वसिद्धिकरं प्रिये ।

    पठित्वा पाठयित्वा च मुच्यते सर्व संकटात् ॥

    अज्ञात्वा कवचं देवि गणेशस्य मनुं जपेत् ।

    सिद्धिर्नजायते तस्य कल्पकोटिशतैरपि ॥

    ॐ आमोदश्च शिरः पातु प्रमोदश्च शिखोपरि ।

    सम्मोदो भ्रूयुगे पातु भ्रूमध्ये च गणाधिपः ॥

    गणाक्रीडो नेत्रयुगं नासायां गणनायकः ।

    गणक्रीडान्वितः पातु वदने सर्वसिद्धये ॥

    जिह्वायां सुमुखः पातु ग्रीवायां दुर्मुखः सदा ।

    विघ्नेशो हृदये पातु विघ्ननाथश्च वक्षसि ॥

    गणानां नायकः पातु बाहुयुग्मं सदा मम ।

    विघ्नकर्ता च ह्युदरे विघ्नहर्ता च लिङ्गके ॥

    गजवक्त्रः कटीदेशे एकदन्तो नितम्बके ।

    लम्बोदरः सदा पातु गुह्यदेशे ममारुणः ॥

    व्यालयज्ञोपवीती मां पातु पादयुगे सदा ।

    जापकः सर्वदा पातु जानुजङ्घे गणाधिपः ॥

    हारिद्रः सर्वदा पातु सर्वाङ्गे गणनायकः ।

    य इदं प्रपठेन्नित्यं गणेशस्य महेश्वरि ॥

    कवचं सर्वसिद्धाख्यं सर्वविघ्नविनाशनम् ।

    सर्वसिद्धिकरं साक्षात्सर्वपापविमोचनम् ॥

    सर्वसम्पत्प्रदं साक्षात्सर्वदुःखविमोक्षणम् ।

    सर्वापत्तिप्रशमनं सर्वशत्रुक्षयङ्करम् ॥

    ग्रहपीडा ज्वरा रोगा ये चान्ये गुह्यकादयः ।

    पठनाद्धारणादेव नाशमायन्ति तत्क्षणात् ॥

    धनधान्यकरं देवि कवचं सुरपूजितम् ।

    समं नास्ति महेशानि त्रैलोक्ये कवचस्य च ॥

    हारिद्रस्य महादेवि विघ्नराजस्य भूतले ।

    किमन्यैरसदालापैर्यत्रायुर्व्ययतामियात् ॥

    हरिद्रा गणेश कवच के लाभ

    ज्योतिषियों की मानें तो गणेश चतुर्थी पर हरिद्रा गणेश कवच के पाठ से जातक को बल एवं बुद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही सभी पक्रार के शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस कवच के पाठ से दुख एवं दरिद्रता भी दूर होती है। हरिद्रा गणेश कवच का पाठ करने से बगलामुखी माता प्रसन्न होती हैं। उनकी कृपा साधक पर बरसती है। साधक आर्थिक तंगी से निजात पाने के लिए प्रतिदिन पूजा के समय हरिद्रा गणेश कवच का पाठ कर सकते हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।