Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Shri Badrinath Aarti: भगवान विष्णु की पूजा करते समय करें ये आरती, अन्न-धन्य से भर जाएंगे भंडार

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 30 May 2024 08:00 AM (IST)

    गुरुवार का व्रत करने से व्रती के घर में अन्न और धन की कमी नहीं होती है। साथ ही रोजगार और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलती है। ज्योतिष भी कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत करने के लिए गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने की सलाह देते हैं। इस व्रत को करने से अविवाहित लड़कियों की शीघ्र शादी के योग बनने लगते हैं।

    Hero Image
    Shri Badrinath Aarti: भगवान विष्णु की पूजा करते समय करें ये आरती, अन्न-धन्य से भर जाएंगे भंडार

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shri Badrinath Aarti: सनातन धर्म में गुरुवार के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त गुरुवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस दिन देवताओं के गुरु बृहस्पति देव की भी उपासना की जाती है। गुरुवार का व्रत करने से व्रती के घर में अन्न और धन की कभी कमी नहीं होती है। साथ ही रोजगार और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलती है। ज्योतिष भी कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत करने के लिए गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने की सलाह देते हैं। इस व्रत को करने से अविवाहित लड़कियों की शीघ्र शादी के योग बनने लगते हैं। अत: विवाहित महिलाएं और अविवाहित लड़कियां गुरुवार के दिन व्रत रख विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। अगर आप भी मनचाहा वर पाना चाहते हैं, तो गुरुवार के दिन स्नान-ध्यान के बाद भगवान विष्णु की पूजा करे। पूजा के समय विष्णु चालीसा का पाठ और मंत्रों का जप करें। साथ ही पूजा के अंत में ये आरती जरूर करें।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें: Vat Savitri Vrat 2024: पहली बार रखने जा रही हैं वट सावित्री व्रत, तो गांठ बांध लें ये बातें


    भगवान बदरीनाथ आरती (Shri Badrinath Aarti In Hindi)

    जय जय श्री बदरीनाथजयति योग ध्यानी॥

    जय जय श्री बदरीनाथजयति योग ध्यानी॥

    जय जय श्री बदरीनाथ...

    निर्गुण सगुण स्वरूप,मेधवर्ण अति अनूप।

    सेवत चरण सुरभूप,ज्ञानी विज्ञानी॥

    जय जय श्री बदरीनाथ...

    झलकत है शीश छत्र,छवि अनूप अति विचित्र।

    बरनत पावन चरित्र सकुचत बरबानी॥

    जय जय श्री बदरीनाथ...

    तिलक भाल अति विशाल,गल में मणि मुक्त-माल।

    प्रनतपाल अति दयाल,सेवक सुखदानी॥

    जय जय श्री बदरीनाथ...

    कानन कुण्डल ललाम,मूरति सुखमा की धाम।

    सुमिरत हों सिद्धि काम,कहत गुण बखानी॥

    जय जय श्री बदरीनाथ...

    गावत गुण शम्भु, शेष,इन्द्र, चन्द्र अरु दिनेश।

    विनवत श्यामा हमेशजोरी जुगल पानी॥

    जय जय श्री बदरीनाथ...

    यह भी पढ़ें: शुक्रवार के दिन पूजा के समय करें इस चमत्कारी स्तोत्र का पाठ, धन से भर जाएगी खाली तिजोरी

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।