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    Surya Dev Puja: रविवार के दिन करें भगवान सूर्य की पूजा, मान-सम्मान में होगी वृद्धि

    Updated: Sun, 02 Mar 2025 06:20 AM (IST)

    रविवार का दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन लोग भगवान सूर्य की पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त इस दिन सच्ची भक्ति के साथ उपवास रखते हैं और सूर्य देव (Surya Dev Pujan) को जल चढ़ाते हैं उन्हें कारोबार में सफलता मिलती है। इसके साथ ही जीवन में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलता है।

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    Surya Dev Puja: रविवार के दिन करें भगवान सूर्य की पूजा।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में सूर्य देव की पूजा बहुत ही मंगलकारी मानी जाती है। रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा होती है। भगवान सूर्य को ग्रहों का राजा माना गया है। माना जाता है कि जो लोग जीवन में सफलता हासिल करना चाहते हैं, उन्हें रविवार के दिन पूजा-पाठ जरूर करनी चाहिए। ऐसे में सबसे पहले उठें और स्नान करें। फिर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। भगवान सूर्य के वैदिक मंत्रों का जाप करें।

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    आरती से पूजा समाप्त करें। अगर आप भगवान सूर्य की कृपा पाना चाहते हैं, तो रविवार के दिन का व्रत भी जरूर रखें। ऐसा करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है।

    ।।भगवान सूर्य देव की आरती।। (Bhagwan Surya Dev Ji Ki Aarti)

    ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।

    जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।

    धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।

    ।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

    सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।

    अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।

    ।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

    ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।

    फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।

    ।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

    संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।

    गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।

    ।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

    देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।

    स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।

    ।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

    तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।

    प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।

    ।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

    भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।

    वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।

    ।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

    पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।

    ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।

    ।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।

    ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।

    जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।

    धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।