Ravi Pradosh Vrat: रवि प्रदोष व्रत पर कर लें ये काम, मिलेगा पद-प्रतिष्ठा और पैसा
Ravi Pradosh Vrat हर महीने की त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है और इस बार 8 जून को रवि प्रदोष व्रत है। रवि प्रदोष व्रत के दिन सूर्य देव की उपासना करने से करियर और व्यवसाय में लाभ मिलता है। इस दिन शिवलिंग का दूध और जल से अभिषेक करें।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रदोष व्रत हर माह कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। यह दिन भगवान शिव को प्रसन्न करन के लिए सबसे अच्छा दिन माना जाता है। पंचांग के अनुसार, इस बार 8 जून रविवार के दिन प्रदोष व्रत होने की वजह से इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाएगा।
रवि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने के साथ सूर्य देव की उपासना करना शुभ माना जाता है। ज्योतिष में सूर्य को पिता, पद, प्रतिष्ठा, सरकार, प्रशासन, नेतृत्व आदि का कारक ग्रह माना जाता है। ऐसे में रवि प्रदोष के दिन सूर्य देव की उपासना करने से करियर और व्यवसाय में भी लाभ मिलता है।
सूर्य को अर्घ्य देने से सूर्य मजबूत होता है और नौकरी में पद बढ़ने से प्रतिष्ठा और पैसा अपने आप ही मिलने लगता है। यह एक ही सिक्के के दो पहलुओं की तरह है। वहीं, व्यापार अच्छा होने पर कमाई बढ़ती है, जिससे समाज में प्रतिष्ठा भी अपने आप मिलने लगती है।
सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं भोलेनाथ
प्रदोष के व्रत के महत्व को लेकर शिव पुराण और स्कंद पुराण में विस्तार से बताया गया है। कहते हैं कि इस दिन भोलेनाथ की पूजा, उपासना और व्रत करने से व्यक्ति को रोग और दोष दूर होते हैं और उसे धन-संपदा की प्राप्ति होती है।
रवि प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान आदि नित्य क्रियाओं को करने के बाद साफ कपड़े पहनें। इसके बाद शिवलिंग का दूध से फिर जल से अभिषेक करें। इस दौरान साथ पंचाक्षरी मंत्र ‘नमः शिवाय’ का जाप करें। आप चाहें तो शिव पंचाक्षरी का पाठ भी कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें- Vastu Tips: घर पर लग गई है बुरी नजर तो दिखते हैं ये संकेत, जानिए इससे बचने के लिए करें क्या उपाय
नहीं होगी सम्मान की कमी
पद-प्रतिष्ठा की प्राप्ति के लिए रवि प्रदोष व्रत के दिन शिव जी पर गुड़, गेहूं के दाने अर्पित करें। इसके बाद भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए शिव चालीसा का पाठ करें और फिर शंकर जी की आरती करके अपनी पूजा को पूरा करें। कहते हैं ऐसा करने से भोलेनाथ सभी मनोरथ पूरे करते हैं।
यदि जीवन में पद और प्रतिष्ठ की कमी है, तो सूर्य देव के निमित्त भी रवि प्रदोष के दिन एक उपाय करें। सुबह स्नान आदि के बाद तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें लाल फूल, कुंकुम, चावल आदि डालकर भगवान सूर्य देव को अर्ध्य दें। इससे सूर्य देव की कृपा होती है।
यह भी पढ़ें- आप दर्शन करने गए और मंदिर से जूते-चप्पल चोरी हो गए, जानिए क्या मैसेज दे रही है प्रकृति
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।