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    Ravi Pradosh Vrat 2024: रवि प्रदोष व्रत पर शिववास योग समेत बन रहे हैं ये 7 अद्भुत संयोग, प्राप्त होगा अक्षय फल

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Tue, 16 Apr 2024 02:53 PM (IST)

    चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 20 अप्रैल को रात 10 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी और 22 अप्रैल को देर रात 01 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगी। भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। अतः 21 अप्रैल को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस दिन प्रदोष काल संध्याकाल 06 बजकर 51 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 02 मिनट तक है।

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    Ravi Pradosh Vrat 2024: रवि प्रदोष व्रत पर शिववास योग समेत बन रहे हैं ये 7 अद्भुत संयोग

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ravi Pradosh Vrat 2024: हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस प्रकार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी 21 अप्रैल को है। यह पर्व भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन भगवान शिव संग माता पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त प्रदोष व्रत रखा जाता है। शिव पुराण में प्रदोष व्रत की महिमा का गुणगान किया गया है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से आरोग्य जीवन का वरदान मिलता है। साथ ही पद-प्रतिष्ठा में समय के साथ वृद्धि होती रहती है। ज्योतिषियों की मानें तो रवि प्रदोष व्रत पर अत्यंत शुभकारी शिववास समेत 7 अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को पृथ्वी लोक में ही स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं-  

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    शुभ मुहूर्त

    ज्योतिष गणना के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 20 अप्रैल को रात 10 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 22 अप्रैल को देर रात 01 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगी। भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। अतः 21 अप्रैल को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस दिन प्रदोष काल संध्याकाल 06 बजकर 51 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 02 मिनट तक है। इस दौरान भक्त अपने आराध्य भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं।

    शुभ योग

    रवि प्रदोष व्रत पर सर्वार्थ सिद्धि योग दिन भर है। वहीं, रवि योग का निर्माण संध्याकाल 05 बजकर 08 मिनट से हो रहा है, जो अगले दिन सुबह 05 बजकर 48 मिनट पर समाप्त होगा। इसी समय में अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। जबकि, अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 54 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक है। इसके अलावा, कौलव करण का योग सुबह 11 बजकर 57 मिनट तक है। इसके बाद तैतिल करण का योग बन रहा है। इसी दिन शिववास का भी अद्भुत संयोग बन रहा है। ज्योतिषियों की मानें तो भगवान शिव अपने वाहन नंदी पर विराजमान रहेंगे।

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    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'