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    परमज्ञानी होने के बाद भी मंदोदरी की सुंदरता पर मोहित हो गया था दशानन, जानिए इनके विवाह से जुड़ी कथाएं

    Updated: Mon, 16 Dec 2024 03:26 PM (IST)

    रावण एक बलशाली और ज्ञानी व्यक्ति था लेकिन इसके बाद भी उसे भगवान श्रीराम के हाथों मृत्यु की प्राप्ति हुई क्योंकि उसने अधर्म का साथ दिया। रावण का विवाह मंदोदरी से हुआ था जो एक पतिव्रता नारी थी। रावण और मंदोदरी के विवाह को लेकर कई कथाएं मिलती हैं जो काफी रोचक भी हैं। चलिए जानते हैं इस बारे में।

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    Ravana Mandodari Vivah: कैसे हुआ था मंदोदरी और रावण का विवाह?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। रावण की कई पत्नियां थी, जिनमें से मंदोदरी के विषय में अधिकतर लोग जानते हैं। रावण और मंदोदरी के विवाह को लेकर एक नहीं, बल्कि दो कथाएं प्रचलित हैं। कहा जाता है कि भगवान शिव से मिले एक वरदान के कारण मंदोदरी का विवाह रावण (Ravan Mandodari Vivah) से हुआ था। तो वहीं दूसरी कथा के अनुसार, रावण, मंदोदरी की सुंदरता पर मोहित हो गया था। तो चलिए पढ़ते हैं इससे जुड़ी कथाएं।

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    कौन थी मंदोदरी

    मंदोदरी, राक्षसराज मयासुर और अप्सरा हेमा की बेटी थीं। साथ ही वह पंच कन्याओं में से एक थी, जिन्हें चिर कुमारी भी कहा जाता था। अर्थात विवाहित के बाद भी इनका कौमार्य भंग नहीं होगा। कई कथाओं के अनुसार, यह भी कहा जाता है कि मयासुर ने मंदोदरी को गोद लिया था।

    की थी कठोर तपस्या

    पौराणिक कथा के अनुसार, मंदोदरी ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तप किया, जिसके फलस्वरूप शिव जी ने उसे वरदान मांगने के लिए कहा। तब मंदोदरी ने यह वरदान मांगा था कि मेरा पति, विश्व पर सबसे ज्यादा विद्वान और शक्तिशाली हो। फलस्वरूप उसका विवाह रावण से हुआ। मान्यताओं के अनुसार, मेरठ स्थित श्री बिल्वेश्वर नाथ मंदिर में मंदोदरी भगवान शिव की आराधना करती थी, जहां उसकी भेंट रावण से हुई और उसका विवाह हुआ।

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    यह कथा भी है प्रचलित

    इसी के साथ रावण और मंदोदरी के विवाह को लेकर एक कथा यह भी मिलती है कि एक बार रावण, मायासुर के महल में गया और वहां मंदोदरी की सुंदरता पर मोहित हो गया। तब उनसे मायासुर के सामने मंदोदरी से विवाह का प्रस्ताव रखा। मायासुर को रावण की शक्तियों का आभास था। वह इस विवाह से प्रसन्न नहीं था, लेकिन फिर भी रावण के इस प्रस्ताव को टाल नहीं पाया। इस प्रकार रावण तथा मंदोदरी का विवाह हुआ।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।