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    Ramlala Pran Pratishtha: गणेश अंबिका पूजन पर बन रहे हैं ये 5 अद्भुत संयोग, हर समस्या का होगा समाधान

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Tue, 16 Jan 2024 03:30 PM (IST)

    Ramlala Pran Pratishtha सनातन धर्म में गणेश अंबिका पूजन का विशेष महत्व है। हर शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस समय भगवान गणेश और जगत जननी आदिशक्ति मां गौरी की पूजा की जाती है। इससे कार्य में सिद्धि प्राप्त होती है। अतः रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से पहले पांच दिवसीय अनुष्ठान के दूसरे दिन गौरी अंबिका पूजा की जाएगी।

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    Ramlala Pran Pratishtha: गणेश अंबिका पूजन पर बन रहे हैं ये 5 अद्भुत संयोग, हर समस्या का होगा समाधान

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ramlala Pran Pratishtha: हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाती है। पौष महीने में 18 जनवरी को मासिक दुर्गाष्टमी है। इस दिन ही पूर्व पांच दिवसीय अनुष्ठान (रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा) में गणेश अंबिका पूजा की जाएगी। इसमें भगवान गणेश और मां दुर्गा की विधिपूर्वक पूजा की जाएगी। सनातन धर्म में गणेश अंबिका पूजन का विशेष महत्व है। हर शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस समय भगवान गणेश और जगत जननी आदिशक्ति मां गौरी की पूजा की जाती है। इससे कार्य में सिद्धि प्राप्त होती है। अतः रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से पहले पांच दिवसीय अनुष्ठान के दूसरे दिन गौरी अंबिका पूजा की जाएगी। ज्योतिषियों की मानें तो गणेश अंबिका पूजन पर दुर्लभ सिद्ध योग समेत 5 अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इन योग में मां गौरी संग भगवान गणेश की पूजा करने से कई गुना फल प्राप्त होगा। आइए, शुभ योग के बारे में जानते हैं-  

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    सिद्ध योग

    ज्योतिषियों की मानें तो गणेश अंबिका पूजन के दिन सिद्ध योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में ही गणेश अंबिका पूजन किया जाएगा। दुर्लभ सिद्ध योग दोपहर 02 बजकर 48 मिनट तक है। इसके बाद साध्य योग का निर्माण हो रहा है।

    सर्वार्थ सिद्धि योग

    रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व 5 दिवसीय अनुष्ठान के दूसरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 07 बजकर 15 मिनट से लेकर देर रात 02 बजकर 58 मिनट तक है। इस योग के दौरान ही गणेश अंबिका पूजन होगा।

    शुभ करण एवं भद्रावास योग

    गणेश अंबिका पूजन पर बव और बालव दोनों करण का भी निर्माण हो रहा है। बव करण का निर्माण 08 बजकर 44 मिनट तक है। इस दिन भद्रा प्रातः काल 09 बजकर 22 मिनट तक स्वर्ग में रहेंगी। इन योग में जगत जननी मां दुर्गा और भगवान गणेश की पूजा की जाएगी।

    सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

    सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 15 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 48 मिनट पर

    चन्द्रोदय- सुबह 11 बजकर 53 मिनट पर

    चंद्रास्त- देर रात 01 बजकर 19 मिनट पर

    पंचांग

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से 02 बजकर 59 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 46 मिनट से 06 बजकर 19 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक

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    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'