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    Diwali 2025: दीवाली पर शिववास योग समेत बन रहे हैं कई मंगलकारी संयोग, बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा

    Updated: Sun, 19 Oct 2025 07:31 PM (IST)

    कार्तिक अमावस्या पर दिवाली मनाई जाती है, जिसमें देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। वर्ष 2025 में, कार्तिक अमावस्या 20 अक्टूबर को शुरू होकर 21 अक्टूबर को समाप्त होगी, इसलिए दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 46 मिनट से 08 बजकर 18 मिनट तक है। इस दिन शिववास योग सहित कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं, जो साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि करते हैं।

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    Diwali 2025: कब और क्यों मनाई जाती है दीवाली?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कार्तिक माह की अमावस्या तिथि देवी मां लक्ष्मी को समर्पित है। इस शुभ अवसर पर भक्ति भाव से देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। दीवाली के दिन लक्ष्मी गणेश जी की पूजा प्रदोष काल में होती है। इस दौरान मां लक्ष्मी की पूजा करने से दोगुना फल मिलता है।

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    ज्योतिषियों कीमानें तो कार्तिक अमावस्या तिथि पर शिववास योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में लक्ष्मी गणेश जी की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलेगी। आइए, पूजा का शुभ मुहूर्त और योग जानते हैं-

    कब मनाई जाती है दीवाली?

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    हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर दीवाली मनाई जाती है। इस साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को शाम 03 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी और 21 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगी। इसके बाद यानी 21 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 54 मिनट के बाद कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू होगी। इसके लिए 20 अक्टूबर को दीवाली मनाई जाएगी।

    कब की जाती है दीवाली पूजा?

    दीवाली के दिन प्रदोष काल में देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। ज्योतिषियों की मानें तो स्थिर लग्न में लक्ष्मी गणेश जी की पूजा करने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है। इसके लिए दीवाली के दिन प्रदोष काल में लक्ष्मी गणेश जी की पूजा की जाती है। दीवाली के दिन प्रदोष काल शाम 05 बजकर 46 मिनट से शुरू होगी। इस समय से लेकर शाम 08 बजकर 18 मिनट तक पूजा के लिए शुभ मुहूर्त है।

    दीवालीपूजा 2025 शुभ मुहूर्त (Diwali 2025 Shubh Muhurat)

    दीवाली पर पूजा के लिए शुभ समय संध्याकाल में 07 बजकर 08 मिनट से लेकर 08 बजकर 18 मिनट तक है। प्रदोष काल में पूजा के लिए शुभ समय शाम 05 बजकर 46 मिनट से लेकर 08 बजकर 18 मिनट तक है। इसके साथ ही वृषभ काल में पूजा के लिए शुभ समय शाम 07 बजकर 08 मिनट से लेकर 09 बजकर 03 मिनट तक है। इसके अलावा, निशिता काल में देवी मां लक्ष्मी की पूजा का समय रात 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक है। साधक अपनी सुविधा अनुसार समय पर देवी मां लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं।

    दीवाली पूजा 2025 शुभ योग (Diwali 2025 Shubh Yog)

    कार्तिक अमावस्या पर दुर्लभ शिववास योग का संयोग बन रहा है। शिववास योग का संयोग दोपहर के बाद बन रहा है। शिववास योग का संयोग दोपहर 03 बजकर 44 मिनट से है, जो पूर्ण रात्रि तक है। इस दौरान देवों के देव महादेव कैलाश पर मां पार्वती के साथ रहेंगे। शिववास योग के दौरान शिव-शक्ति की पूजा करने से साधक को अमोघ और अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त का भी संयोग है। वहीं, हस्त और चित्रा नक्षत्र का दुर्लभ संयोग है।

    पंचांग

    • सूर्योदय: सुबह 06 बजकर 25 मिनट पर
    • सूर्यास्त: शाम 05 बजकर 46 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04 बजकर 44 मिनट से 05 बजकर 34 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त: दोपहर 01 बजकर 59 मिनट से 02 बजकर 45 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त: शाम 05 बजकर 46 मिनट से 06 बजकर 12 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त: रात 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

     

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।