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    Laxmi Puja 2025 Shubh Muhurat: दीवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा के लिए मिलेगा सिर्फ इतना समय, यहां पढ़ें कब है विशेष मुहूर्त

    Updated: Sun, 19 Oct 2025 05:46 PM (IST)

    उदवंतनगर से मिली खबर के अनुसार, दीपावली का त्योहार 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह भगवान राम की अयोध्या वापसी की खुशी में मनाया जाता है। इस दिन लोग लक्ष्मी और गणेश की पूजा करते हैं और घरों को दीपों से सजाते हैं। पंडित विवेकानंद पांडेय के अनुसार, अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को शुरू होगी और प्रदोष काल में दीपावली मनाई जाएगी। कुंभ और वृष लग्न में लक्ष्मी पूजा शुभ मानी जाती है।

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    लक्ष्मी शुभ मुहूर्त

    संवाद सूत्र, उदवंतनगर (आरा)। दीपोत्सव का मुख्य त्योहार दीपावली कार्तिक मास के अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर सोमवार को परंपरागत तरीके से मनाई जाएगी। आज का त्योहार भगवान राम के लंका विजय के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। इस त्योहार को भारत के अलावा पूरे दुनिया में रह रहे सनातन धर्मावलंबी उल्लास के साथ मनाते हैं। इसे बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। 

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    कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को परंपरागत तरीके से दिवाली मनाने की परंपरा है। सुख और समृद्धि हेतु लोग इस दिन गणेश और लक्ष्मी की पूजा करते हैं। लोग घरों व सार्वजनिक स्थलों पर दीप जलाते हैं।आज कल बिजली बल्ब की लड़ियां मिट्टी के दीपों का स्थान लेने लगी है। 

    लोग घरों एवं देवमंदिरों को उत्सवी माहौल में सजाते हैं तथा रोशनी से जगमग करते हैं। इस त्योहार में साफ सफाई का विशेष ख्याल रखा जाता है। बरसात बीतने के बाद आसपास के परिवेश में जमने वाले घास फूंस को लोग साफ करते हैं, जिससे कीड़े मकोड़े के साथ मच्छरों का आतंक भी कम होता है।

    सोमवार को दिन में 2.32 बजे से हो रहा है अमावस्या का आगमन

    पंडित विवेकानंद पांडेय ने बताया कि कार्तिक कृष्ण पक्ष 20 अक्टूबर सोमवार को दिन में 2.32 बजे अमावस्या तिथि का आगमन हो रहा है, जो 21 अक्टूबर मंगलवार को अपराह्न 4.24 बजे तक रहेगा। प्रदोष काल में अमावस्या होने के कारण 20 अक्टूबर को ही दीपावली मनाई जाएगी। 

    जहां कुंभ व वृष व सिंह लग्न में महालक्ष्मी की पूजा उत्तम माना जाता है, वहीं निशीथ काल महा काली के पूजन के लिए सर्वोत्तम माना गया है। दीपावाली के दिन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के लिए स्थिर कुंभ लग्न दिन में 2.13 बजे से 3.44 बजे तक रहेगा। 

    इस दौरान लक्ष्मी गणेश का आह्वान श्रेयस्कर होगा। दीपावली पूजन के लिए वृष लग्न को महत्वपूर्ण माना जाता है। वृष लग्न प्रदोषकाल संध्या 6.51 बजे से 8.48 बजे तक रहेगा। वहीं अर्द्ध रात्रि में 01.19 बजे से 03.33 बजे तक सिंह लग्न का वास रहेगा। इस दौरान महानिशिथ काल में तांत्रिक पूजा मंत्र सिद्धि के लिए स्थिर सिंह लग्न श्रेयस्कर व मंगलकारी होगा।