Guru Pradosh Vrat 2024: गुरु प्रदोष व्रत पर दुर्लभ सौभाग्य योग समेत बन रहे हैं ये 5 अद्भुत संयोग
धार्मिक मत है कि गुरु प्रदोष व्रत (Guru Pradosh Vrat 2024) करने से साधक को हर कार्य में विजयश्री मिलती है। साथ ही समय के साथ साधक के सुख ऐश्वर्य पद-प्रतिष्ठा और धन में वृद्धि होती है। साथ ही जन्म-जन्मांतर में किए गए पापों से भी मुक्ति मिलती है। इस शुभ अवसर पर साधक भक्ति भाव से भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा करते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह पर्व हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस व्रत का फल दिन अनुसार प्राप्त होता है। गुरुवार के दिन पड़ने के चलते मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को गुरु प्रदोष व्रत कहा जाता है। धार्मिक मत है कि प्रदोष व्रत करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। ज्योतिषियों की मानें तो मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी प्रदोष व्रत पर दुर्लभ सौभाग्य योग (Guru Pradosh Vrat 2024) का निर्माण हो रहा है। इसके साथ कई अन्य मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में शिव-शक्ति की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं-
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गुरु प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 नवंबर को सुबह 06 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, त्रयोदशी तिथि 29 नवंबर को सुबह 08 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी। इस प्रकार 28 नवंबर को गुरु प्रदोष व्रत मनाया जाएगा।
सौभाग्य योग
ज्योतिषियों की मानें तो मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर संध्याकाल 04 बजकर 02 मिनट तक सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। इसके साथ ही सुख और सौभाग्य में भी वृद्धि होगी।
शोभन योग
मार्गशीर्ष माह के प्रथम प्रदोष व्रत पर शोभन योग का भी संयोग बन रहा है। शोभन योग का निर्माण संध्याकाल 04 बजकर 03 मिनट से हो रहा है। ज्योतिष शोभन योग को बेहद शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी।
करण
गुरु प्रदोष व्रत पर चित्रा और स्वाति नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही गर और वणिज करण का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष गर और वणिज को बेहद शुभ मानते हैं। इन योग में भगवान शिव का अभिषेक करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही सुखों में वृद्धि होगी।
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