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    Hartalika Teej 2024: हरतालिका तीज पर दुर्लभ ब्रह्म योग समेत बन रहे हैं कई मंगलकारी संयोग, प्राप्त होगा अक्षय फल

    धार्मिक मत है कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर देवों के देव महादेव संग मां पार्वती की पूजा करने से व्रती के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। विवाहित महिलाएं हरतालिका तीज (Hartalika Teej 2024) पर शिव-शक्ति के निमित्त व्रत रखती हैं। इस शुभ अवसर पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 26 Aug 2024 08:52 PM (IST)
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    Hartalika Teej 2024: हरतालिका तीज का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हरतालिका तीज का व्रत हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर रखा जाता है। इसके अगले दिन गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। आसान शब्दों में कहें तो भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। वहीं, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। हरतालिका तीज शिव-शक्ति को समर्पित है। इस दिन विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य हेतु व्रत रखती हैं। इस व्रत को करने से विवाहित महिलाओं के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। ज्योतिषियों की मानें तो हरतालिका तीज पर दुर्लभ ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही कई अन्य मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में शिव-शक्ति की पूजा करने से साधक को दोगुना फल प्राप्त होगा।

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    हरतालिका तीज शुभ मुहूर्त (Hartalika Teej Auspicious Time)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 05 सितम्बर को भारतीय समयानुसार दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस शुभ तिथि का समापन 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 21 मिनट पर होगा। अतः 06 सितंबर को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाएगा। वहीं, 07 सितंबर को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी।

    हरतालिका तीज शुभ योग (Hartalika Teej Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो हरतालिका तीज पर दुर्लभ ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग रात 10 बजकर 15 मिनट तक है। इसके बाद ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है। दोनों ही योग बेहद शुभ होते हैं। इसके अलावा, रवि योग का भी संयोग हरतालिका तीज पर बन रहा है। इन योग में देवों के देव महादेव एवं मां पार्वती की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।

    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 02 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 36 मिनट पर

    चन्द्रोदय- सुबह 08 बजकर 37 मिनट पर

    चंद्रास्त- शाम 08 बजकर 16 मिनट पर

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 30 मिनट से 05 बजकर 16 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 25 मिनट से 03 बजकर 15 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 36 मिनट से 06 बजकर 59 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।