Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Hariyali Teej 2024 Daan: रिश्ते में कड़वाहट होगी दूर, वैवाहिक जीवन होगा सुखी, हरियाली तीज पर करें वस्त्र, दीपदान

    हरियाली तीज का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। यह त्योहार हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह दिन शिव-पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन कठिन व्रत का पालन करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही रिश्तों में मधुरता आती है।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Fri, 26 Jul 2024 09:01 AM (IST)
    Hero Image
    Hariyali Teej 2024 Daan: हरियाली तीज के दिन करें इन चीजों का दान

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में हरियाली तीज का पर्व एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे कजरी तीज और हरतालिका तीज के साथ मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह त्योहार सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए भगवान शिव और देवी पार्वती के लिए व्रत करती हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    साथ ही उनकी पूजा-अर्चना करती हैं। इस साल यह पर्व 7 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा, तो चलिए इस दिन क्या दान (Hariyali Teej 2024 Daan) करना शुभ माना जाता है? उसके बारे में जानते हैं -

    हरियाली तीज के दिन करें इन चीजों का दान

    हरियाली तीज के दिन वस्त्रों का दान, सुहाग की चीजों का दान, चावल का दान, दीप-दान, खीरे का दान शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस शुभ दिन पर इन चीजों का दान करने से परिवार में खुशहाली आती है। इसके साथ ही पति और पत्नी के बीच की कड़वाहट दूर होती है। इसके अलावा अक्षय सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि इस दिन दान-पुण्य को इतना महत्व दिया गया है।

    कब है हरियाली तीज?

    वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 6 अगस्त, 2024 को रात्रि 07 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 7 अगस्त, 2024 को रात्रि 10 बजे होगा। सनातन धर्म में उदयातिथि मान्य है, इसलिए हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त 2024 को रखा जाएगा। इसके साथ ही हरियाली तीज की सुबह की पूजा 06 बजे से लेकर 09 बजे तक के बीच होगी और शाम की पूजा 4 बजकर 30 मिनट से 06 बजे तक के बीच होगी।

    यह भी पढ़ें: Shukra Dev Pujan: शुक्र ग्रह को बेहद प्रिय है ये कवच, जानिए इसकी महिमा

    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।