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    Hariyali Teej 2024: हरियाली तीज पर क्यों पहने जाते हैं हरे रंग के वस्त्र? जानिए इसके पीछे की वजह

    Updated: Mon, 22 Jul 2024 12:48 PM (IST)

    हरियाली तीज का पर्व बेहद ही विशेष माना जाता है। यह त्योहार हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस बार यह 7 अगस्त को मनाया जाएगा है। यह पर्व भगवान शंकर और मां पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से विवाह से जुड़ी सभी मुश्किलों का अंत होता है।

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    Hariyali Teej 2024: आखिर क्यों हरियाली तीज में पहने जाते हैं हरे रंग के वस्त्र?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन के महीने में आने वाली तीज को हरियाली तीज के नाम से जाना जाता है। इस साल यह पर्व 7 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। इसे सिंधारा तीज, छोटी तीज, श्रावण तीज या सावन तीज के नाम से भी जाना जाता है। जैसा कि नाम से पता चलता है, हरियाली तीज का अर्थ है - हरियाली से जुड़ी परंपरा।

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    इस दिन महिलाएं हरे रंग के कपड़े और हरी चूड़ियां पहनती हैं। वहीं, लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि आखिर इस दिन हरे रंग के कपड़े क्यों पहने जाते हैं? तो आइए इसके पीछे की वजह जानते हैं -

    आखिर क्यों हरियाली तीज में पहने जाते हैं हरे रंग के वस्त्र?

    हरियाली तीज के दिन हरे रंग के वस्त्र पहनने की परंपरा काफी लंबे समय से चली आ रही है। इस दिन हरे रंग का खास महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस मौके पर हरे रंग के कपड़े पहनने के पीछ का कारण है सावन का महीना। दरअसल, यह त्योहार सावन में मनाया जाता है, जब बारिश के चलते हर जगह हरियाली होती है।

    साथ ही हरा रंग शुभता और शांति का भी प्रतीक माना जाता है। वहीं, हरे रंग का संबंध बुध ग्रह से भी है। ऐसी मान्यता है इस रंग को धारण करने से व्यक्ति का जीवन इस रंग की तरह खुशनुमा रहता है।

    हरियाली तीज डेट और मुहूर्त

    वैदिक पंचांग के अनुसार, श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 6 अगस्त, 2024 को रात्रि 07 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 7 अगस्त, 2024 को रात्रि 10 बजे होगा। पंचांग को देखते हुए हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त, 2024 को रखा जाएगा। ऐसे में व्रती इस दिन अपने शुभ व्रत का पालन करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।