Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Sawan 2024: सावन के दौरान ऐसे करें रुद्राभिषेक, नोट करें सामग्री और विधि

    Updated: Mon, 22 Jul 2024 11:37 AM (IST)

    आज यानी 22 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो गया है। इस पूरी अवधि में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि शिव पूजन के लिए श्रावण मास बहुत ही पुण्यदायी माना जाता है जो भक्त शिव जी का आशीर्वाद पाना चाहते हैं उन्हें सावन सोमवार का व्रत अवश्य करना चाहिए। साथ ही रुद्राभिषेक भी करना चाहिए।

    Hero Image
    Sawan 2024:रुद्राभिषेक कैसे करें? जानें नियम -

     धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन का महीना साल का सबसे शुभ महीना माना जाता है, जो भोलेनाथ को समर्पित है। इस बार सावन माह की शुरुआत 22 जुलाई, 2024 दिन सोमवार यानी आज से हुई है। सोमवार का दिन पहले से ही भगवान शिव की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है, लेकिन जब यह सावन में पड़ता है, तो इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जानकारी के लिए बता दें, हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन (Sawan 2024) का समापन 19 अगस्त, 2024 दिन सोमवार को होगा, तो चलिए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं -

    रुद्राभिषेक कैसे करें?

    रुद्राभिषेक सबसे पवित्र पूजा अनुष्ठान में से एक है, जिसे श्रावण सोमवार के दिन करना विशेष माना जाता है, तो आइए इसकी पूजा सामग्री और इसे करने का नियम जानते हैं, जिससे आप अपने घर पर बिना पुरोहिक के भी कर सकें।

    रुद्राभिषेक की समग्री

    दही, घी, चीनी पाउडर, गंगाजल, शहद और पवित्र जल, कपास की बत्ती, बेल पत्र, चंदन का पेस्ट, धूप, अक्षत, और फूल, मिठाई, सफेद कपड़ा, ऋतु फल, आसन आदि।

    • शुध्द जल - शिवलिंग पर सबसे पहले जल अर्पित करें।
    • दूध - फिर दूध अर्पित करें।
    • दही - इसके बाद शिवलिंग पर दही चढ़ाएं।
    • चीनी पाउडर - चीनी मिश्रण अर्पित करें।
    • घी - शिवलिग पर थोड़ा सा घी चढ़ाएं।
    • शहद - शहद अर्पित करें।
    • जल - फिर से शुद्ध जल से शिवलिंग को साफ करें।
    • चंदन का लेप - शिवलिंग पर पीले चंदन या सफेद चंदन का लेप लगाएं।
    • बेलपत्र - 1,3,5,7,9, 11, 21, 51 या 108 बेल पत्र अर्पित करें।
    • फूल-माला - भगवान शिव को सफेद फूलों की माला अर्पित करें।
    • अक्षत - इसके बाद अक्षत चढ़ाएं।
    • दीपक - देसी घी का दीपक जलाएं।
    • धूप - नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए धूप जलाएं।
    • मंत्रों का जाप - शिव जी के पंचाक्षरी मंत्रों का 108 बार जाप करें।
    • आरती - अंत में आरती से पूजा को समाप्त करें और पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमायाचना करें।
    • दान-पुण्य - गरीबों को भोजन खिलाएं और क्षमता अनुसार पैसों का दान करें।

    यह भी पढ़ें: Sawan 2024: सावन के पहले सोमवार पर इस नियम से करें भगवान शिव की पूजा, सभी कष्टों से मिलेगी मुक्ति

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।