Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि पर दुर्लभ भद्रावास योग समेत बन रहे हैं ये 5 अद्भुत संयोग
शिव पुराण में निहित है कि मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2024) पर देवों के देव महादेव की भक्ति भाव से पूजा करने पर जातक को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। सभी बिगड़े कार्य बन जाते हैं। साथ ही घर में सुख समृद्धि एवं खुशहाली आती है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 29 नवंबर को मासिक शिवरात्रि है। इस दिन भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा-भक्ति की जाती है। साधक मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए मासिक शिवरात्रि का व्रत रखते हैं। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। विवाहित स्त्रियों को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, अविवाहित जातकों की शीघ्र शादी के योग बनते हैं। अतः साधक भक्ति भाव से भोलेनाथ की पूजा करते हैं। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। अभिषेक करने से भोले बाबा शीघ्र प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा साधक पर बरसती है। ज्योतिषियों की मानें तो मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2024) पर दुर्लभ भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही कई अन्य मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। आइए जानते हैं-
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मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त (Masik Shivratri Shubh Muhurat)
मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 29 नवंबर को प्रातःकाल 08 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 30 नवंबर को सुबह 10 बजकर 29 मिनट पर होगा। मासिक शिवरात्रि पर प्रदोष और निशा काल में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। अतः 29 नवंबर को मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी।
शोभन योग (Masik Shivratri Shobhan Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो मासिक शिवरात्रि पर दुर्लभ शोभन योग का संयोग बन रहा है। इस योग का निर्माण संध्याकाल तक है। शोभन योग भारतीय समयानुसार शाम 04 बजकर 34 मिनट तक है। ज्योतिष शोभन योग को बेहद शुभ मानते हैं। इस योग में देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। इसके साथ ही भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
भद्रावास योग (Masik Shivratri Bhadravaas Yoga)
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर भद्रावास योग का भी निर्माण हो रहा है। इस दिन भद्रा चतुर्दशी तिथि शुरू होने के साथ ही पाताल लोक में रहेंगी। भद्रा के पाताल और स्वर्ग में रहने के दौरान पृथ्वी वासियों का कल्याण होता है। मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर भद्रा देर रात 09 बजकर 38 मिनट तक पाताल लोक में रहेंगी। इस समय में भगवान शिव की पूजा करने से भक्तजन को अमोघ फल की प्राप्ति होगी।
करण
मासिक शिवरात्रि पर अभिजीत मुहूर्त दिन में 11 बजकर 49 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक है। वहीं, विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 54 मिनट से लेकर 02 बजकर 36 मिनट तक है। जबकि, गोधूलि मुहूर्त संध्याकाल 05 बजकर 21 मिनट से लेकर 05 बजकर 48 मिनट तक है। इस शुभ तिथि पर स्वाति और विशाखा नक्षत्र का संयोग बन रहा है।
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