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Rangbhari Ekadashi 2023: आर्थिक उन्नति और सुखी जीवन के लिए रंगभरी एकादशी पर जरुर करें ये आसान उपाय

Rangbhari Ekadashi 2023 हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। प्रत्येक मास में दो एकादशी व्रत रखें जाते है किन्तु फाल्गुन मास में रंगभरी एकादशी का विशेष महत्व है। इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विशेष महत्व है।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraPublished: Fri, 24 Feb 2023 01:25 PM (IST)Updated: Fri, 24 Feb 2023 01:25 PM (IST)
Rangbhari Ekadashi 2023: आर्थिक उन्नति और सुखी जीवन के लिए रंगभरी एकादशी पर जरुर करें ये आसान उपाय
Rangbhari Ekadashi 2023: जीवन में सफलता और उन्नति के लिए रंगभरी एकादशी पर करें ये उपाय।

नई दिल्ली, अध्यात्मिक डेस्क | Rangbhari Ekadashi 2023 Upay: हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि को सर्वाधिक फलदायी तिथि के रूप में जाना जाता है। इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है और व्रत का पालन किया जाता है। लेकिन फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन को रंगभरी एकादशी और आमलकी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि रंगभरी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की उपासना के साथ-साथ माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव के गण होली खेलते हैं।

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रंगभरी एकादशी 2023 तिथि (Rangbhari Ekadashi 2023 Date)

हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 02 मार्च 2023 को सुबह 05 बजकर 09 मिनट से हो जाएगा और तिथि का समापन 03 मार्च 2023 को सुबह 07 बजकर 41 मिनट पर होगा। पंचांग में बताया गया है कि रंगभरी एकादशी व्रत 03 मार्च 2023, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। व्रत पारण का समय अगले दिन -4 मार्च 2023 सुबह 06 बजकर 09 मिनट से सुबह 08 बजकर 38 मिनट के बीच किया जा सकता है।

रंगभरी एकादशी 2023 उपाय (Rangbhari Ekadashi 2023 Upay)

  • ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि रंगभरी एकादशी के दिन शिव मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती को लाल रंग का गुलाल अर्पित करें और दाम्पत्य जीवन में सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें। 

  • रंगभरी एकादशी पर भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है, इसलिए इस दिन शिवलिंग पर जल अर्पित करने के बाद उनका श्रृंगार सफेद चंदन, बेलपत्र इत्यादि से करें। साथ ही उन्हें गुलाल और अबीर अर्पित करें। शिव चालीसा का पाठ अवश्य करें। ऐसा करने से आर्थिक वृद्धि होती है।

  • एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें और उन्हें आंवला अर्पित करें। ऐसा करने से कर्ज की समस्या से जल्द मुक्ति मिल जाती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

रंगभरी एकादशी महत्व (Rangbhari Ekadashi 2023 Importance)

किवदंतियों के अनुसार जब भोलेनाथ माता पार्वती को उनके पिता के घर से विदाकर लाए थे, तब वह सबसे पहले काशी में आए थे और वह एकादशी का दिन था। काशी वासियों ने भगवान शिव और माता पार्वती का स्वागत अबीर और गुलाल से किया था। यही कारण है कि इस दिन को रंगभरी एकादशी के नाम से जाना जाता है।

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डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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