Ram Mandir: अयोध्या में हो रहा है रंग मंडप का भव्य निर्माण, इस दिन होगी भगवान राम की पूजा
राम मंदिर सभी सनातनी के लिए बहुत ही महत्व रखता है जिसकी पवित्र प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी। वहीं अब इसके पांच मंडपों में से एक रंग मंडप (Rang Mandap) का शिखर पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो गया है जिसमें विभिन्न प्रकार की विशेषताएं हैं। बता दें 11 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ प्रतिष्ठा द्वादशी समारोह पूर्वक मनाई जाएगी।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। राम मंदिर के निर्माण कार्य के पांच मंडपों में से एक रंग मंडप का शिखर पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो गया है। भगवान राम को समर्पित यह मंदिर भारत के लाखों लोगों के लिए अत्यधिक सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखता है। इस भव्य रंग मंडप का निर्माण देखने के लिए भक्तों में अलग ही उत्साह और श्रद्धा नजर आ रही है। साथ ही लोग इसके बारे में जानने के लिए भी बहुत ही इच्छुक हैं, तो चलिए इससे (Ram Mandir) जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं, जो यहां पर विस्तार से दी गई हैं।
कितने प्रकार के होते हैं मंडप?
आपको बता दें, 11 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ 'प्रतिष्ठा द्वादशी' समारोह पूर्वक मनाई जाएगी। यह द्वादशी महोत्सव 3 दिनों का होगा, जो 10 जनवरी से 12 जनवरी तक चलेगा। कहते हैं कि इस दौरान श्रीराम जन्मभूमि में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ेगी, जिसका मंजर देखने लायक होगा। बता दें, राम मंदिर में 5 मंडपों का निर्माण हो रहा है, जिसमें नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप व कीर्तन मंडप का नाम शामिल है।
मंदिरों में मंडप होने का क्या है महत्व?
मंदिरों में मंडप को सबसे महत्वपूर्ण और शुभ स्थान माना जाता है। ऐसे में राम मंदिर (Ram Mandir) में भी जल्द मंडप की झलक देखने को मिलेगी। इन पावन जगह पर विभिन्न प्रकार के शुभ कार्य किए जाते हैं। जैस कि नृत्य मंडप के समक्ष भक्त भजन-कीर्तन व नृत्य करते हैं। वहीं, रंग मंडप (Rang Mandap Importance) में भगवान से जुड़ी सभी पौराणिक कथाओं के बारे में बताया या किसी प्रदर्शन के तौर पर दिखाया जाता है। इसके साथ ही कीर्तन मंडप में हवन-यज्ञ आदि से जुड़े पूजन नियमों का पालन किया जाता है।
इसके अलावा सभा मंडप में मंदिर से जुड़े सभी महत्वपूर्ण निर्णय पर फैसला लिया जाता है और प्रार्थना मंडप में भक्त ईश्वर की प्रार्थना करते हैं। इन सभी मंडप का अपना- अपना महत्व है। कहते हैं कि यहां पर की गई प्रार्थनाएं कभी भी अधूरी नहीं रहती हैं, क्योंकि यह मंदिर का अहम हिस्सा माना जाता है।
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