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    Ramayana: भारत के अलावा इन देशों में भी मिलती है रामायण, बिल्कुल अलग है कहानी

    Updated: Fri, 31 Jan 2025 02:46 PM (IST)

    रामायण ग्रंथ (Ramayan katha) हिंदू धर्म के प्रमुख धार्मिक ग्रंथों में शामिल है। महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण संस्कृत में हैं। तो वहीं तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरित मानस इसका अवधि संस्करण है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि भारत के अलावा और किन-किन देशों में रामायण की कथा प्रचलित है और इनमें क्या अंतर मिलता है।

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    Ramayana katha और कहां-कहां प्रचलित है रामायण?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान की भक्ति पर आधारित रामायण ग्रंथ व्यक्ति को कई तरह की शिक्षा भी देता है। इसके सबसे बड़े प्रेरणास्रोत तो भगवान श्रीराम ही हैं। वाल्मीकि द्वारा अवधि भाषा में लिखे गए रामचरितमानस को अधिक प्रसिद्धि प्राप्त है। आपको जानकर हैरानी होगी कि रामायण ग्रंथ केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अन्य कई देशों की भी अपनी एक अलग रामायण है, जिसे उस स्थान पर अगल नाम से जाना जाता है।

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    इस स्थानों पर भी है प्रचलित

    • थाईलैंड - थाईलैंड में रामायण को 'रामकियेन' कहा जाता है, जो यह थाईलैंड का राष्ट्रीय ग्रंथ भी है। यहां नाटकों के आधार पर रामायण का चित्रण किया जाता है। थाईलैंड के राजा खुद को श्रीराम के वंशज मानते थे।
    • जावा, इंडोनेशिया - यहां 'काकाविन रामायण' से प्रचलित ग्रंथ असल में रामायण का ही रूपांतरण है। राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान के मुख्य पात्रों के अलावा, इंडोनेशियाई संस्करण में कई देशी देवता भी शामिल हैं।
    • कंबोडिया - कंबोडिया में रामायण को 'रामकर' कहा जाता है, जो संस्कृत के रामायण महाकाव्य पर आधारित है। लेकिन यहां कि रामायण में अंतर यह है कि यहां मुख्य पात्रों का चित्रण मनुष्यों की तरह ही किया जाता है, जबकि भारत में हम इन्हें देवताओं के अवतार के रूप में देखते हैं।

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

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    • बर्मा - बर्मा में रामायण को 'यमयान' से जाना जाता है। इसे यम (राम) जत्दाव (जातका) भी कहा जाता है। यहां भगवान श्रीराम को 'यम' के रूप में और माता सीता को 'मी थीडा' के रूप में पेश किया जाता है।
    • मलेशिया - यहां कि रामायण को 'हिकायत सेरी राम' नाम से जाना जाता है। इसकी कहानी संस्कृत में लिखी गई रामायण के समान ही है।

    • चीन - चीन में भी भगवान राम से जुड़ी विभिन्न दंत कथाएं प्रचलित हैं। यहां की लोककथाओं में एक बंदर राजा सन वुकोंग को अधिक लोकप्रियता प्राप्त है, जो रामायण के हनुमान जी के समान हैं। चीन के विद्वानों का कहना है कि उनके देश में सदियों से बौद्ध धर्मग्रंथों में रामायण की कहानियों के निशान मौजूद हैं।
    • तिब्बत - तिब्बती रामायण में भगवान राम को रमण के नाम से जाना जाता है। तिब्बती रामायण में ही सीता को रावण की बेटी बताया गया है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।