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    Shri Kale Hanuman Ji Temple: काले 'हनुमान जी' का रहस्य कर देगा हैरान, एक बार दर्शन से कट जाएंगे सभी पाप

    Updated: Fri, 31 Jan 2025 11:15 AM (IST)

    पवन पुत्र हनुमान जी की पूजा बेहद ही शुभ मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि उनकी पूजा करने से सभी संकटों का अंत हो जाता है। वहीं आज हम बजरंगबली के एक ऐसे पवित्र धाम की बात करेंगे जहां पर उनकी काली प्रतिमा विराजमान है। कहते हैं कि इस मंदिर में एक बार दर्शन करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

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    Shri Kale Hanuman Ji Temple: काले हनुमान जी ।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भारत में ऐसे कई मंदिर हैं, जिनसे जुड़ी अलग-अलग मान्यताएं और पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। इन्हीं में से एक यूपी के भरतपुर (Bharatpur) शहर में स्थित गंगा मंदिर के पीछे प्राचीन श्री काले हनुमान जी (Temple of Ancient Shri Kale Hanuman Ji) मंदिर विराजमान है। यह एक ऐसा अनोखा मंदिर है, जहां पर हर रोज भक्तों की भारी मात्रा में भीड़ उमड़ती है। इस धाम में दर्शन करने के लिए लोग देश नहीं बल्कि विदेश से भी आते हैं।

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    ऐसा कहा जाता है कि यहां एक बार दर्शन मात्र से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं, तो चलिए वीर हनुमान जी के इस दिव्य मंदिर (Bade Hanuman Temple) से जुड़ूी कुछ प्रमुख बातों को जानते हैं।

    कैसे भरतपुर में विराजमान हुए काले हनुमान जी?

    इस मंदिर को लेकर माना जाता है कि जब नागा साधुओं का एक समूह हनुमान जी की काली मूर्ति को लेकर उनकी स्थापना के लिए जा रहे थे, तभी उनकी गाड़ी भरतपुर क्षेत्र से गुजरी। इसके बाद उनकी गाड़ी आगे ही नहीं बढ़ पाई। लाख प्रयास के बावजूद कोई कुछ नहीं कर पाया।

    सभी प्रयास असफल होने के बाद नागा साधुओं ने थक हार कर उस मूर्ति को वहीं स्थापित कर दिया। तभी से दिन बीतने के साथ इस मंदिर की महिमा बढ़ती जा रही है।

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    यहां क्यों है हनुमान जी की प्रतिमा काली?

    आपको बता दें कि इस धाम का इतिहास करीब 150 साल पुराना है। वहीं, हनुमान जी की काली प्रतिमा को लेकर इस मंदिर के पुजारियों का कहना है कि जब हनुमान जी ने लंका दहन किया था। उस दौरान उनका पूरा शरीर काला पड़ गया था और हनुमान जी की ये मूर्ति उसी समय का स्वरूप है।

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यहां पर आने वाले श्रद्धालु राम भक्त को लाल चोला की जगह काला चोला चढ़ाते हैं और उनके मुख पर केसरिया रंग लगाते हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।