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    Ramayan Facts: आदर्श भाई के रूप में जाने जाते हैं भरत और शत्रुघ्न, जानिए किसके थे अवतार

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Mon, 03 Jul 2023 02:57 PM (IST)

    Ramayan Facts रामायण के मुख्य पात्र भगवान श्री राम भगवान विष्णु के अवतार माने गए हैं। वहीं लक्ष्मण जी को शेषनाग का अवतार बताया गया है। रामायण से जुड़े हर एक पात्र में कोई न कोई दिव्यता छुपी हुई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भरत और शत्रुघ्न किसके अवतार थे। आज हम इसी बारे में आपको बताने जा रहे हैं।

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    Ramayan Facts किसके अवतार थे भरत और शत्रुघ्न

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Ramayan Facts: रामायण के अनुसार, राजा दशरथ के 4 पुत्र थे। सबसे बड़े थे राम, जो माता कौशल्या के पुत्र थे। राजा दशरथ के दूसरे पुत्र लक्ष्मण थे, जिन्हें रानी सुमित्रा ने जन्म दिया था। भरत और शत्रुघ्न माता कैकेयी के पुत्र थे।

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    इसलिए मिला भरत को सिंहासन

    भरत को भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र का अवतार बताया जाता है। भगवान राम को वनवास मिलने के बाद सबके बार-बार आग्रह के बाद भी भरत ने राज्य लेना स्वीकार नहीं किया। वह दलबल के साथ श्री राम को मनाने के लिए चित्रकूट गए थे। वहां जाकर भगवान श्री राम से मिलकर उनसे अयोध्या लौटने का आग्रह किया, लेकिन भगवान राम के मना करने पर उनकी चरण-पादुका लेकर अयोध्या लौट आए।

    नंदीग्राम में तपस्वी जीवन बिताते हुए वे श्रीराम के आगमन की चौदह वर्ष तक प्रतीक्षा करते रहे। श्री राम के वनवास जाने के बाद उन्होंने ही रघुकुल का सिंहासन संभाला था। भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र का अवतार होने के कारण अयोध्या की रक्षा के लिए उनसे उपयुक्त कोई और नहीं हो सकता था। भरत, श्री राम भक्ति और आदर्श भाई का एक अनुपम उदाहरण हैं।

    जानिए शत्रुघ्न किसके अवतार थे

    शत्रुघ्न, राजा दशरथ के सबसे छोटे पुत्र थे। शत्रुघ्न को भगवान विष्णु के शंख का अवतार माना जाता है। भगवान राम के वनवास में चले जाने के बाद शत्रुघ्न ने राजा भरत की सेवा की। उन्होंने माता-पिता, भाई, पत्नी सभी को छोड़कर भरत के साथ रहना और उनकी सेवा करना ही अपना कर्तव्य समझा।

    रामायण के अनुसार, भरत और शत्रुघ्न के रूप में भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र और उनके शंख ने अयोध्या को भगवान राम के वनवास से लौटने तक हर प्रकार के संकटों से बचाए रखा। भरत और शत्रुघ्न ने मिलकर पूर्ण निष्ठा के साथ अपने राज्य की सेवा और रक्षा की थी।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'