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    Ramadan 2025: कब से शुरू हो रहा है पाक महीना रमजान? जानें पूरी जानकारी

    Updated: Fri, 14 Feb 2025 10:13 AM (IST)

    रमजान इस्लामी चंद्र कैलेंडर का नौवा महीना है जिसे बहुत ही खास और पाक माना जाता है। इस पूरे महीने में उपवास रखा जाता है जिसे रोजा कहते हैं। यह महीना अर्धचंद्र के दिखने के साथ शुरू होता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि रमजान कब से शुरू हो रहा है। साथ ही जानते हैं कि रमजान के पवित्र महीने में क्या-क्या काम करने चाहिए।

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    Ramadan start date India (Picture Credit: Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। इस्लामी चंद्र कैलेंडर के मुताबिक रमजान (Ramadan 2025 Date) का महीना 29 या 30 दिनों तक चलता है। रमजान के महत्व का पता आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इस महीने को इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक माना गया है, जिसमें आस्था, इबादत, रोजा, दान और तीर्थयात्रा पर जोर दिया जाता है।

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    कब-से-कब तक रहेगा रमजान (Ramadan Kab se Start hai)

    भारत में, इस साल रमजान (Ramadan 2025) की शुरुआत 1 मार्च 2025, शनिवार के दिन से होगी। इस महीने का आखिरी दिन यानी ईद-उल-फितर नए चांद के दिखने पर निर्धारित करता है, इसलिए इस महीने के 30 या 31 मार्च की शाम तक जारी रहने की उम्मीद है।

    (Picture Credit: Freepik)

    क्यों खास है रमजान का महीना

    रमजान का उपवास यानी रोजा ईद-उल-फितर के साथ खत्म होता है, यानी जिस दिन उपवास तोड़ा जाता है। ईद-उल-फितर नए चांद के दिखने पर निर्धारित करता है। यह वह महीना है जब दुनिया भर के मुसलमान सूरज उगने से लेकर सूरज ढलने तक रोजा रखते हैं। इस दौरान सूरज उगने से पहले कुछ खा लिया जाता है, जिसे सहरी के नाम से जाना जाता है।

    पूरे दिन कुछ खाया पिया नहीं जाता, फिर सूरज ढलने के बाद रोजा खोला जाता है, जिसे इफ्तारी कहा जाता है। इसी के साथ रमजान के पाक महीने में ज्यादा-से-ज्यादा समय अल्लाह की इबादत में गुजारा जाता है। ईद-उल-फितर के दिन आखिरी रोजा रखा जाता है, जिसे बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह ईद शव्वाल महीने की पहली तारीख को मनाई जाती है।

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    करें ये काम

    इस्लाम धर्म में दान को बड़ी अहमियत दी गई है, खासकर रमजान के महीने में, इसलिए हर व्यक्ति को अपनी हैसियत के मुताबिक इस महीने में दान जरूर करना चाहिए। साथ ही दिन में पांच बार नमाज भी जरूर पढ़नी चाहिए। इसी के साथ रमजान में नमाज के बाद जकात को ही सबसे अहम माना गया है। माना जाता है कि इन सभी बातों का ध्यान रखने से अल्लाह खुश होते हैं और बरकत बनाए रखते हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।