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    Ramadan 2025: आर्थिक असमानता को दूर करने का मौका है रमजान

    रमजान का महीना धीरे-धीरे अपने समापन की ओर बढ़ रहा है। यह पाक महीना मुस्लिम समुदाय के लिए बहुत अहम होता है। इस दौरान लोग नमाज पढ़ते हैं और अल्लाह की रहमत पाने के लिए उनकी इबादत करते हैं। इस माह (Ramadan 2025 Guidelines) को लेकर कई सारे नियम बनाए गए हैं जिनका पालन सभी को करना चाहिए आइए उन नियमों के बारे में जानते हैं।

    By Jagran News Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 27 Mar 2025 12:31 PM (IST)
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    Ramadan 2025 Ke Niyam: रमजान के नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ramadan 2025 Guidelines:  रमजान केवल अल्लाह की इबादत करने का ही नहीं बल्कि अपने भीतर व समाज में व्याप्त बुराइयों को समाप्त कर आर्थिक असमानता को दूर करने का भी सुनहरा अवसर है। प्रत्येक मुसलमान के लिए फितरा और जकात के रूप में जरूरतमंदों के बीच दान करना अनिवार्य है। इस्लाम के पांच (अल्लाह एक है उसका कोई साझेदार नहीं), नमाज, रोजा, जकात और हज में दान करने का यह स्वरूप शामिल है।

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    मौलाना अहमद रिजवान इस्लाही (अध्यक्ष, जमात ए इस्लामी हिंद, बिहार) बताते हैं कि ''बिहार इस्लामिक शिक्षा अनुसार, जिनके पास 7.5 तोला सोना या 52.5 तोला चांदी या इसके बराबर की रकम जमा हो तथा आय का ढाई प्रतिशत हिस्सा विधवा, अनाथ, जरूरतमंदों के बीच दान करना होता है।

    ईद की नमाज पढ़ने से पहले

    हर साल रमजान में लोग यह दान इसलिए करते हैं ताकि आम दिनों की अपेक्षा उन्हें 70 गुणा अधिक पुण्य मिल सके। इस्लाम धर्म की इस व्यवस्था का उद्देश्य समाज में गहरायी आर्थिक असमानता की खाई को कम करना भी है।

    प्रत्येक मुसलमान को चाहिए कि ईद की नमाज पढ़ने से पहले दान की राशि गरीबों और जो जरूरतमंद हैं उनके बीच बांट दी जाए ताकि वो भी इन पैसों से बिना किसी कमी के अपने परिवार के साथ ईद की खुशियां मना सकें।

    31 मार्च या 1 अप्रैल, कब मनाई जाएगी ईद-उल-फितर? (When is Eid Ul Fitr 2025?)

    ईद की डेट रमजान के खत्म होने के बाद दिखने वाले चांद के आधार पर तय होती है। इसी के साथ चांद दिखने के बाद ईद की सही तारीख निर्धारण इस्लामी विद्वानों और धार्मिक संस्थाओं द्वारा किया जाता है। इस साल भारत में रमजान की शुरुआत 2 मार्च से हुई थी, जो 29 या 30 दिनों चलता है। ऐसे में इस बार भारत में ईद-उल-फितर 31 मार्च या फिर 01 अप्रैल को मनाए जाने की उम्मीद है।

    यह भी पढ़ें: Ramadan 2025: इबादत और रहमत का महीना है रमजान, इन हिदायतों का रखें ध्यान!

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।