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    Ramadan 2025: कब से शुरू हो रहा रमजान? एक क्लिक में जानें सेहरी और इफ्तार का समय

    Updated: Fri, 28 Feb 2025 04:27 PM (IST)

    रमजान इस्लामी चंद्र कैलेंडर का नौवां महीना है जो बहुत पवित्र माना गया है। इस दौरान लोग रोजा रखते हैं और नमाज व जरूरतमंदों की मदद करने जैसे अच्छे काम करते हैं। यह महीना अर्धचंद्र के दिखने के बाद से शुरू होता है। वहीं अभी इसकी (Ramadan 2025) डेट को लेकर थोड़ी कन्फ्यूजन लोगों के मन में बनी हुई है तो आइए इसकी सही डेट यहां जानते हैं।

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    Ramadan 2025: सेहरी और इफ्तार का समय।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। रमजान बेहद पाक महीना माना जाता है। यह इस्लामी चंद्र कैलेंडर का नौवां महीना है। इस दौरान इस्लाम धर्म के रोजा रखते हैं और अल्लाह की ज्यादा से ज्यादा इबादत करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस महीने (Ramadan 2025) की शुरुआत चांद देखने के साथ और इसी पर निर्भर करती है। चांद दिखने के बाद ही रमजान के पहले रोजे का ऐलान होता है, तो चलिए यहां जानते हैं कि इस साल का पहला रोजा कब पड़ेगा, साथ ही सेहरी और इफ्तार का सही समय क्या है?

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    रोजे की डेट और टाइम (Ramadan 2025 Date And time)

    इस बार रमजान 28 फरवरी या फिर 1 मार्च से शुरू होने की उम्मीद थी। इसकी डेट अभी साफ इसलिए नहीं हुई है, क्योंकि यह चांद दिखने पर ही निर्भर करता है। रमजान का नया चांद दिखाई देने के बाद ही रमजान की शुरुआत होती है। इसलिए अगर 28 फरवरी को चांद दिखता है, तो 1 मार्च को पहला रोजा रखा जाएगा। वहीं, अगर 1 मार्च को रमजान का चांद नजर आएगा, तो 2 मार्च को पहला रोजा रखा जाएगा।

    सेहरी और इफ्तार का समय (Sehri Or Iftar Time)

    अगर 01 मार्च से रमजान शुरू होते हैं, तो सेहरी सुबह 05 बजकर 25 मिनट पर की जाएगी और इफ्तार शाम 6 बजकर 23 मिनट पर किया जाएगा। वहीं, अगर इसकी शुरुआत 02 मार्च से होती है, तो सहरी सुबह 05 बजकर 24 मिनट पर की जाएगी। साथ ही इफ्तार शाम 6 बजकर 24 मिनट पर होगा।

    इसके अलावा 03 मार्च को सेहरी सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर की जाएगी और इफ्तार शाम 6 बजकर 25 मिनट पर किया जाएगा।

    रखें इन बातों का ध्यान

    • रोजे के दौरान नमाज जरूर पढ़ना चाहिए।
    • इस दौरान ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद करनी चाहिए और अल्लाह की इबादत करनी चाहिए।
    • यह इबादत और अल्लाह के करीब जाने का पाक महीना है। ऐसे में कोशिश करें कि इस पूरे महीने आपसे किसी भी शख्स को नुकसान न पहुंचे।
    • इस दौरान तरावीह और तहज्जुद की नमाज भी पढ़नी चाहिए।
    • ऐसा कहा जाता है कि इस महीने जकात और सदका खूब देना चाहिए।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।