Eid Ul Fitr 2025: रमजान के बाद इस दिन होगा ईद के चांद का दीदार, आज से ही शुरू कर दें तैयारी
इस्लामी चंद्र कैलेंडर के मुताबिक नौवा महीना रमजान (Ramadan 2025) का होता है जिसे बहुत ही पाक माना जाता है। इस पूरे महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग उपवास रखते हैं जिसे रोजा के नाम से जाना जाता है। ईद-उल-फितर वह दिन है जिस दिन रोजा खोला जाता है और इस दिन को जश्न के रूप में मनाया जाता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। इस्लाम में ईद-उल-फितर (Eid Ul Fitr 2025) को खास महत्व दिया जाता है। इस दिन को बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन को लोग अपनों के साथ मिलकर मनाते हैं और एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद देते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि साल 2025 में ईद-उल-फितर कब मनाई जाएगी।
कब मनाई जाएगी ईद
असल में ईद की तारीख नए चांद के दिखने पर निर्भर करती है। इस्लामी कैलेंडर के मुताबिक रमजान के अगले महीने यानी शव्वाल का पहला दिन ईद-उल-फितर के रूप में मनाया जाता है। शव्वाल इस्लामी कैलेंडर का दसवां महीना है। इस प्रकार चांद दिखने के आधार पर इस साल ईद-उल-फितर 30 मार्च 2025 या फिर 31 मार्च 2025 को मनाए जाने की उम्मीद है।
(Picture Credit: Freepik)
क्यों खास है ये ईद-उल-फितर
ईद-उल-फितर नए चांद के दिखने पर निर्धारित है, जो रोजे के समापन के रूप में मनाया जाता है। ईद-उल-फितर को मीठी ईद भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन पर मीठे पकवान जरूरी रूप से बनाए जाते हैं। यह दिन असल में अल्लाह को शुक्र अदा करने और उन्हें याद करने का दिन है।
यह भी पढ़ें - Feng Shui Plants: पैसों की किल्लत दूर करने के लिए घर पर जरूर रखें ये पौधे, नौकरी में भी मिलेगी सफलता
(Picture Credit: Freepik)
कैसे मनाते हैं ईद
रमजान शुरू होते ही लोग ईद-उल-फितर की तैयारियां शुरू कर देते हैं। इस दिन पर लोग नए कपड़े पहनते हैं और अपने सगे-संबंधियों को तोहफे देते हैं। साथ ही पारम्परिक रूप से सामूहिक तौर पर नमाज अदा की जाती है।
लोग प्रियजनों और परिवार के साथ दावत का लुत्फ उठाते हैं, जिसमें खजूर और मीठे व्यंजन जैसे सेवई और तरह-तरह के पकवान शामिल होते हैं। इस खास मौके पर लोग गले मिलकर एक-दूसरे को मुबारकबाद देते हैं। साथ ही घर के छोटे सदस्यों को उपहार या कुछ धन ईदी के रूप में दी जाती है।
यह भी पढ़ें - Ramadan 2025: कब शुरू होगा रमजान का पाक महीना? नोट करें सही डेट
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।