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    Ramadan 2025: कब शुरू होगा रमजान का पाक महीना? नोट करें सही डेट

    Updated: Thu, 20 Feb 2025 03:17 PM (IST)

    रमजान इस्लामी चंद्र कैलेंडर का नौवां महीना है जो बेहद पाक माना जाता है। इस दौरान लोग रोजा रखते हैं जो इस पर्व का अहम हिस्सा माना जाता है। यह महीना अर्धचंद्र के दिखने के बाद शुरू होता है। कहते हैं कि इस दौरान ज्यादा से ज्यादा नमाज अदा करनी चाहिए। इसके साथ ही जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए तो आइए इसकी (Ramadan 2025) सही डेट जानते हैं।

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    Ramadan 2025: रमजान यानी रोजे कब से शुरू होंगे?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। रमजान इस्लामी चंद्र कैलेंडर का नौवां महीना है, जो शाबान के बाद आता है। यह इस्लाम धर्म के लोगों के लिए बहुत महत्व रखता है। इस पवित्र महीने के दौरान, मुसलमान 29-30 दिनों तक रोजा रखते हैं। रमजान के दौरान रोजा रखना जरूरी माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान सूर्योदय से सूर्यास्त तक कुछ भी खाया-पीया नहीं जाता है। साथ ही तामसिक चीजों से दूरी रखी जाती है। यह पवित्र अवधि कुरान पढ़ने, नमाज अदा करने और अच्छे कर्म करने पर जोर देती है।

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    वहीं, इसकी तारीख को लेकर थोड़ी लोगों के मन में कन्फ्यूजन बनी हुई। ऐसे में आइए इसकी (Ramadan 2025) सही डेट और समय जानते हैं।

    रोजे कब से शुरू होंगे? (Ramadan 2025 Date And time)

    इस बार रमजान की शुरुआत 28 फरवरी या फिर 1 मार्च से शुरू होने की उम्मीद की जा रही है। इसकी डेट अभी साफ इसलिए नहीं हुई है, क्योंकि यह चांद दिखने पर ही निर्भर करता है। रमजान का नया चांद दिखाई देने के बाद ही रमजान की शुरुआत होती है।

    ऐसे में अगर 28 फरवरी को चांद दिखता है, तो 1 मार्च को पहला रोजा रखा जाएगा। वहीं, अगर 1 मार्च को रमजान का चांद नजर आएगा, तो 2 मार्च को पहला रोजा रखा जाएगा।

    रमजान का महत्व

    इस्लाम में रमजान को एक पवित्र महीना माना जाता है, जो ईश्वरीय दया और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, इसी पवित्र महीने के दौरान पैगंबर मुहम्मद को अल्लाह से कुरान की आयतें मिली थीं। यह महीना आध्यात्मिकता, अनुशासन और एकता को बढ़ावा देता है। माना जाता है कि रमजान के दौरान रोजे रखने से व्यक्ति का शरीर और आत्मा दोनों ही शुद्ध होते हैं।

    इसके साथ ही अल्लाह जीवन में बरकत प्रदान करते हैं। ऐसे में इस दौरान ज्यादा से ज्यादा नमाज अदा करें और अच्छे कार्य में शामिल हों।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।