Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन पर न करें भाई को ऐसी राखी बांंधने की गलती, वरना नहीं मिलेगा फल
रक्षाबंधन का पर्व बहन-भाई के रिश्ते के प्रेम और पवित्रता को दर्शाता है। इस साल रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2025) का पर्व 09 अगस्त को मनाया जाएगा। ऐसे में बहनों को अपने भाई की कलाई पर इस तरह की राखी बिल्कुल भी नहीं बांधनी चाहिए वरना इससे आपको अच्छे परिणाम नहीं मिलते। चलिए जानते हैं इस बारे में।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। रक्षाबंधन, हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। पंचांग के अनुसार, सावन माह की पूर्णिमा पर यह पर्व मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई में राखी, जिसे रक्षा सूत्र के रूप में देखा जाता है, बांधती हैं।
इसके साथ ही बहने अपने भाई के उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हैं और बदले में भाई अपनी बहनों को रक्षा का वचन देते हैं। इसके साथ ही रक्षाबंधन पर भाइयों द्वारा अपनी बहनों को उपहार भी देने का चलन है।
न लाएं ऐसी राखी
आजकर कई तरह की राखियां आने लगी हैं, जैसे ब्रेसलेट वाली राखी, कार्टून्स की प्लास्टिक वाली आदि। यह राखी देखने में भी काफी सुंदर लगती हैं। लेकिन हिंदू धर्म में राखी को केवल एक फैशन के रूप में नहीं देखा जाता। राखी का सही अर्थ है रक्षा सूत्र, जो धागे से बना होता है। इसलिए अपने भाई के लिए इस प्रकार की राखी लेने से बचें।
मिल सकते हैं बुरे परिणाम
कई लोग भगवान के नाम वाली या भगवान की तस्वीर लगी राखी लाना शुभ मानते हैं। लेकिन आपको इस तरह की राखी लाने से बचना चाहिए, क्योंकि बाद में हम इन्हें उतार कर इधर-उधर फेंक देते हैं। ऐसे में इसे देवी-देवताओं के अपमान के रूप में देखा जाता है। साथ ही इससे आपको अशुभ परिणाम भी देखने को मिल सकते है। ऐसे में देवी-देवताओं के नाम वाली या फिर तस्वीर वाली राखी लेने से बचना चाहिए।
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(Picture Credit: Freepik)
ध्यान रखें ये बात
हिंदू संस्कृति में काले रंग को एक शुभ रंग के रूप में नहीं देखा जाता है और इसे नकारात्मक ऊर्जा से जोड़कर देखा जाता है। ऐसे में आपको काले धागे से बनी राखी का चुनाव अपने भाई के लिए बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। इससे आपको राखी बांधने का पूर्ण फल नहीं मिलता और भाई पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है।
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