Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन के दिन दीपक से करें ये खास उपाय, होंगे मालामाल
रक्षाबंधन भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है जो 9 अगस्त 2025 यानी आज मनाया जा रहा है। इस दिन धन और समृद्धि के लिए कुछ उपाय किए जाते हैं जिनमें घर के मुख्य स्थानों पर दीपक जलाना शामिल है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पूजा-पाठ और दान-पुण्य करने से घर की मुश्किलों का अंत होता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। रक्षाबंधन, भाई-बहन के पवित्र प्यार का प्रतीक है। इस साल यह पर्व 9 अगस्त, 2025 यानी आज मनाया जा रहा है। यह दिन न केवल भाई की कलाई पर राखी बांधने का है, बल्कि यह धन-धान्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति का भी एक शुभ अवसर है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन (Raksha Bandhan 2025) को लेकर कुछ खास उपाय बताए गए हैं, जिनमें से एक घर के प्रमुख स्थानों में दीपक जलाना भी एक है।
रक्षाबंधन के दिन दीपक से करें ये अचूक उपाय (Raksha Bandhan 2025 Deepak Rituals)
- तुलसी के पास - तुलसी को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है और इसे देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। ऐसे में रक्षाबंधन की शाम को स्नान करके तुलसी के पौधे के पास गाय के घी का दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें। यह उपाय घर में धन और सुख-समृद्धि लाता है।
- घर के मुख्य द्वार पर - रक्षाबंधन की शाम को घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर एक -एक दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय इस बात का ध्यान रखें कि दीपक की लौ बाहर की ओर होनी चाहिए। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होता है और मां लक्ष्मी का आगमन होता है। इसके साथ ही घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती है।
- आटे के दीपक - आर्थिक परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए रक्षाबंधन के दिन एक आटे का दीपक बनाएं। उसमें सरसों का तेल डालकर दीपक जलाएं और उसे घर के सबसे अंधेरे कोने में रख दें। यह उपाय घर में छिपी हुई नकारात्मक शक्तियों को दूर करता है और धन के आगमन के रास्ते खोलता है।
- पीपल के पेड़ के पास - इस दिन सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इस उपाय से शनि देव और पितरों का आशीर्वाद मिलता है, जिससे जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और धन लाभ होता है।
दीपक जलाते समय इन बातों का रखें ध्यान
- दीपक हमेशा मिट्टी या आटे का ही इस्तेमाल करें।
- गाय का घी या सरसों का तेल ही दीपक में इस्तेमाल करें।
- दीपक की बत्ती रुई या कलावे की ही होनी चाहिए।
- दीपक जलाने के बाद उसे बार-बार बुझाना या छेड़ना नहीं चाहिए।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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