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    Raksha Bandhan 2025: कब मनाया जाएगा रक्षाबंधन, क्या इस बार भी रहेगा भद्रा का साया?

    Updated: Wed, 16 Apr 2025 11:48 AM (IST)

    रक्षाबंधन का पर्व (Raksha Bandhan 2025) हिंदू धर्म में एक मुख्य स्थान रखता है जो हर साल सावन माह की पूर्णिमा पर मनाया जाता है। इस खास दिन पर बहनें अपनी भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और बदले में भाई अपनी बहनों को रक्षा का वचन देते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि साल 2025 में रक्षाबंधन का पर्व कब मनाया जाएगा।

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    Raksha Bandhan 2025 कब है रक्षाबंधन (Picture Credit: Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है। ऐसे में भद्रा काल में राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता। इसलिए रक्षाबंधन पर भद्रा का समय जरूरी रूप से देखा जाता है। तो चलिए जानते हैं कि इस बार भद्रा कब-से-कब तर रहेगी, ताकि उसी के अनुसार, रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा सके।

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    कब मनाया जाएगा रंक्षा बंधन

    सावन माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 08 अगस्त को दोपहर 04 बजकर 12 मिनट पर हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 09 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 24 मिनट पर होगा। इस प्रकार उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए रक्षाबंधन का पर्व शनिवार 09 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन राखी बांधने का मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाला है -

    राखी बांधने का समय - सुबह 06 बजकर 17 मिनट से दोपहर 01 बजकर 24 मिनट तक

    (Picture Credit: Freepik)

    क्या रहेगा भद्रा का समय

    इस बार रक्षाबंधन के दिन शनिवार 09 अगस्त को भद्रा सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगी। ऐसे में इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं रहेगा। साथ ही इस दिन पर अन्य शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाले हैं -

    ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 04 बजकर 48 मिनट से प्रातः 05 बजकर 32 मिनट तक

    अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 17 मिनट से दोपहर 01 बजकर 08 मिनट तक

    सर्वार्थ सिद्धि योग - सुबह 06 बजकर 17 मिनट से दोपहर 02 बजकर 23 मिनट तक

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    कैसे मनाया जाता है ये त्योहार

    रक्षाबंधन के दिन बहनें शुभ मुहूर्त में अपने भाई को राखी बांधती हैं। साथ ही इस दिन ईष्ट देव को भी राखी बांधना काफी शुभ माना जाता है। बहनें थाली में रोली, चंदन, राखी, घी का दीपक, मिठाई, अक्षत और राखी लेती हैं और भाई का रोली और अक्षत से तिलक करती हैं। इसके बाद भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उसे मिठाई खिलाती हैं। इसके बाद भाई अपनी बहन के पैर छूकर उन्हें कुछ उपहार देता है।

    (Picture Credit: Freepik)

    बोलें ये मंत्र

    रक्षाबंधन के दिन अगर बहने अपने भाई को राखी बांधने समय इस मंत्र का जप करती हैं, तो इससे यह राखी भाई की रक्षा का काम करता है। साथ ही भाई-बहन का रिश्ता और भी मजबूत होता है -

    ऊँ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।

    तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।