Ketu Gochar 2025: कन्या राशि के जातकों को कब मिलेगी मायावी ग्रह से मुक्ति, इन उपायों से पाएं निजात
भगवान गणेश को बुधवार का दिन प्रिय है। इस दिन भक्ति भाव से भगवान गणेश की पूजा की जाती है। भगवान गणेश की पूजा करने से व्यापार के दाता बुध देव प्रसन्न होते हैं। बुध देव की कृपा से जातक को कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलती है। बुधवार के दिन पूजा के बाद हरी सब्जियों और फलों का दान करें।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को मायावी ग्रह कहा जाता है। मायावी ग्रह केतु वक्री चाल चलते हैं। एक राशि में डेढ़ साल तक रहते हैं। इसके बाद राशि परिवर्तन करते हैं। केतु की कुदृष्टि से जातक को जीवन में नाना प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
वर्तमान समय में मायावी ग्रह राहु मीन राशि में विराजमान हैं। इस राशि में राहु 17 मई तक रहेंगे। इसके बाद राहु अपनी स्थिति बदलेंगे। राहु के राशि परिवर्तन से मीन राशि के जातकों को मायावी ग्रह से मुक्ति मिल जाएगी। लेकिन क्या आपको पता है कि कन्या राशि के जातकों को कब मायावी ग्रह केतु से मुक्ति मिलेगी? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
यह भी पढ़ें: जीवन की मुश्किलें बढ़ा सकता है राहु, इन अचूक उपायों से मिलेगी राहत
कन्या राशि
ग्रहों के राजकुमार बुध देव कन्या राशि के स्वामी हैं। इस राशि के जातकों पर बुध देव की विशेष कृपा बरसती है। उनकी कृपा से कन्या राशि वाले कारोबार में बेहतर करते हैं। साथ ही कन्या राशि के जातक धार्मिक और मधुरभाषी होते हैं। कन्या राशि के जातकों पर भगवान गणेश की कृपा रहती है। इस राशि का शुभ रंग हरा और शुभ अंक आठ है।
कब शुरू होगी शनि की ढैय्या?
न्याय के देवता शनिदेव 03 जून, 2027 को शनिदेव राशि परिवर्तन करेंगे। इस दिन कर्मफल दाता शनिदेव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में गोचर करेंगे। शनिदेव के मेष राशि में गोचर करने से वृषभ राशि के जातकों पर साढ़ेसाती शुरू होगी। वहीं, कन्या और मकर राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या शुरू होगी। जबकि, सिंह और धनु राशि के जातकों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिलेगी। इसके साथ ही कुंभ राशि के जातकों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी। इस दौरान शनिदेव वक्री चाल चलकर दोबारा से मीन राशि में गोचर करेंगे।
कब मिलेगी मायावी ग्रह से मुक्ति?
मायावी ग्रह केतु 18 मई को राशि परिवर्तन करेंगे। इस दिन केतु कन्या राशि से निकलकर सिंह राशि में गोचर करेंगे। इस दिन से ही कन्या राशि के जातकों को मायावी ग्रह से मुक्ति मिलेगी। वहीं, मीन राशि के जातकों को राहु से भी राहत मिलेगी।
करें ये उपाय
कन्या राशि के जातक हर बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करें। वहीं, पूजा के समय भगवान गणेश को मोदक और दूर्वा अवश्य ही अर्पित करें। इस उपाय को करने से भगवान गणेश की कृपा कन्या राशि के जातकों पर बरसती है। वहीं, शनिवार के दिन गंगाजल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। साथ ही बहती जलधारा में नारियल प्रवाहित करें। इस उपाय को करने से भी मायावी ग्रह की कुदृष्टि से मुक्ति मिल सकती है।
यह भी पढ़ें: कुंडली में कैसे बनता है शेषनाग कालसर्प दोष? इन उपायों से करें दूर
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।