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    Radha Rani Puja: क्या घर में रख सकते हैं लाडली जी की मूर्ति, जरूर जान लें नियम

    Updated: Wed, 18 Jun 2025 10:49 AM (IST)

    आपने भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप यानी लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना व सेवा करते हुए कई लोगों को देखा होगा। माना जाता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि बनी ...और पढ़ें

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    Radha Rani Puja niyam in hindi (Picture Credit: Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हम सभी राधा रानी को भगवान श्रीकृष्ण की प्रेमिका के रूप में जानते हैं। कहा जाता है कि राधा नाम जपने से साधक को भगवान कृष्ण की भी कृपा की प्राप्ति होती है। यदि आप अपने घर में राधा रानी जी के बाल स्वरूप को लाने का मन बना रहे हैं, तो इससे सेवा के कुछ नियम जरूर जान लें।

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    बनी रहती है कृपा

    घर में लड्डू गोपाल के साथ लाडली जी की मूर्ति रखना भी शुभ माना जाता है। जिस प्रकार आप लड्डू गोपाल की सेवा करते हैं, ठीक उसी तरह राधा रानी जी की सेवा भी करनी चाहिए। ऐसा करने से राधा जी की कृपा से साधक को जीवन में अच्छे परिणाम मिलने लगते हैं। साथ ही भगवान कृष्ण का आशीर्वाद भी आपके ऊपर बना रहता है।

    पहले किसकी करें पूजा

    राधा रानी जी के बाल स्वरूप को हमेशा लड्डू गोपाल के साथ ही रखना चाहिए। आप राधा जी की प्रतिमा को लड्डू गोपाल के दाएं हाथ की ओर स्थापित करना ज्यादा शुभ माना गया है। इसके साथ ही सबसे पहले श्रीराधा रानी की पूजा करनी चाहिए और इसके बाद लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।

    राधा रानी जी की पूजा विधि (Radha Rani Puja vidhi)

    सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें। मंदिर में गंगाजल का छिड़काव करें औ राधा रानी जी का पंचामृत से अभिषेक करने के बाद साफ पानी से स्नान करवाएं। अब उन्हें साफ-सुथरी पोशाक पहनाएं और उनका शृंगार करें।

    राधा रानी को उनके प्रिय फल, फूल, अक्षत, चंदन और इत्र आदि अर्पित करें। इसके बाद लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना करें और अंत में आरती करें। मंगल की कामना करते हुए सभी में प्रसाद बांटें।

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    राधा जी के मंत्र

    1. ॐ ह्रीं श्री राधिकायै नम:

    2. ऊं ह्नीं राधिकायै नम:

    3. ऊं ह्नीं श्रीराधायै स्‍वाहा।

    4. श्री राधायै स्‍वाहा।

    5. नमस्ते परमेशानि रासमण्डलवासिनी।

    रासेश्वरि नमस्तेऽस्तु कृष्ण प्राणाधिकप्रिये।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।