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    Radha Ashtami 2025: राधा अष्टमी के दिन भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना नहीं मिलेगा व्रत का पूरा फल

    जगत की देवी राधा रानी (Radha Ashtami 2025) की पूजा करने से भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं। जगत के पालनहार भगवान कृष्ण अपनी कृपा साधक पर बरसाते हैं। उनकी कृपा से साधक के जीवन में मंगल ही मंगल होता है। साथ ही जीवन की हर परेशानी दूर हो जाती है।

    By Pravin Kumar Edited By: Pravin Kumar Updated: Mon, 25 Aug 2025 02:17 PM (IST)
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    Radha Ashtami 2025: राधा अष्टमी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि जगत की देवी श्रीराधा रानी को समर्पित है। इस शुभ अवसर पर राधा अष्टमी मनाई जाती है। यह पर्व 31 अगस्त को देशभर में धूमधाम से मनाया जाएगा। सनातन शास्त्रों में निहित है कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर राधा रानी भूलोक पर अवतरित हुई थीं। इसके लिए हर साल भाद्रपद महीने में राधा अष्टमी मनाई जाती है।

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    साधक भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर स्नान-ध्यान के बाद भक्ति भाव से राधा रानी की पूजा करते हैं। साथ ही श्रीराधा रानी की कृपा पाने के लिए व्रत रखा जाता है। इस व्रत (Radha Ashtami vrat) के कई कठिन नियम हैं। इन नियमों का पालन न करने पर व्रत का फल नहीं मिलता है। आइए, राधा अष्टमी के व्रत नियम (Radha Ashtami fasting rules) जानते हैं-

    राधा अष्टमी के दिन क्या करें

    • भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर ब्रह्मचर्य नियम का पालन करें।  
    • राधा अष्टमी व्रत की शुरुआत या व्रत नियम का पालन ललिता सप्तमी से करें।
    • घर के बड़े-वृद्ध की सेवा और सम्मान करें। वाणी और मन पर कंट्रोल रखें।
    • जगत की देवी राधा रानी को पूजा के दौरान लाल और पीले रंग के पुष्प अर्पित करें।
    • राधा अष्टमी व्रत का पारण नवमी तिथि पर शुभ समय में करें। इसके लिए स्थानीय पंडित की सलाह लें।  
    • राधा अष्टमी के दिन गौ माता की सेवा करें।
    • भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर अन्न और धन का दान करें।

    राधा अष्टमी के दिन क्या न करें

    • राधा अष्टमी के दिन पूजा के समय या व्रत के दौरान काले रंग के कपड़े न पहनें।
    • राधा अष्टमी के दिन किसी का दिल न दुखाएं और न ही किसी को भला बुरा कहें।
    • भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन झूठ न बोलें और न किसी के साथ छल करें।
    • राधा अष्टमी के दिन नाखून न काटें और न ही हेयर कटिंग कराएं।
    • तामसिक चीजों का सेवन भूलकर न करें। लहसुन और प्याज का भी परित्याग करें।
    • शुद्ध और शीतल जल का प्रयोग फलाहार के दौरान करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।