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    Pradosh Vrat 2024: कब है जुलाई माह का पहला प्रदोष व्रत? नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

    Updated: Thu, 27 Jun 2024 10:31 AM (IST)

    प्रदोष व्रत (Pradosh 2024) के दिन भगवान शिव की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही मनचाहा वर मिलता है। इस बार प्रदोष व्रत 3 जुलाई 2024 दिन बुधवार को रखा जाएगा। इसलिए इस तिथि पर भगवान शिव की विधि अनुसार पूजा करें और सभी पूजा नियमों का पालन करें जो इस प्रकार हैं -

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    Pradosh Vrat 2024: इस दिन रखा जाएगा जुलाई का पहला प्रदोष व्रत 2024 -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का दिन बहुत उत्तम माना जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा होती है। ऐसा कहा जाता है कि इस शुभ अवसर पर भगवान शंकर की पूजा करने से सभी अशुभ ग्रहों का प्रभाव आपके जीवन से समाप्त होता है। इसके साथ ही मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इस बार प्रदोष व्रत 3 जुलाई, 2024 दिन बुधवार को रखा जाएगा।

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    बुधवार के दिन पड़ने की वजह से इसे बुध प्रदोष के नाम से जाना जाता है, तो आइए इस महत्वपूर्ण दिन से जुड़ी कुछ बातों को जानते हैं -

    कब है जुलाई का पहला प्रदोष व्रत 2024?

    हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मा​स के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी ति​थि 3 जुलाई को प्रात: 7 बजकर 10 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 4 जुलाई प्रात: 5 बजकर 54 मिनट पर होगा। इस दौरान प्रदोष काल की पूजा का महत्व है, जिसके आधार पर इस बार यह व्रत 3 जुलाई के दिन बुधवार को रखा जाएगा।

    पूजा विधि

    सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। फिर भगवान शंकर और देवी पार्वती के सामने व्रत का संकल्प लें। एक लकड़ी की चौकी पर शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करें। गंगाजल से प्रतिमा को अच्छी तरह साफ करें। देसी घी का दीया जलाएं। लाल वस्त्र अर्पित करें। चंदन व कुमकुम का तिलक लगाएं। खीर, हलवा, फल, सफेद मिठाई आदि का भोग लगाएं। इसके बाद प्रदोष व्रत कथा, पंचाक्षरी मंत्र और शिव चालीसा का पाठ श्रद्धापूर्वक करें।

    शाम के समय भी विधि अनुसार पूजा करें, क्योंकि इस दिन प्रदोष काल की पूजा ज्यादा लाभकारी मानी जाती है। व्रती सात्विक भोजन करें। व्रत का पारण अगले दिन प्रसाद से करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।