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    Ashadha Month 2024: आषाढ़ मास में अवश्य करें बेल के पेड़ की पूजा, नोट करें पूजा विधि और मंत्र

    हिंदू धर्म में आषाढ़ का महीना बहुत शुभ माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इसका आरंभ हो चुका है। इसके साथ ही इस महीने का समापन 21 जुलाई को होगा। मान्यताओं के अनुसार इस अवधि में भगवान विष्णु की पूजा होती है। ऐसा कहा जाता है कि जो जातक इस दौरान तामसिक चीजों से दूर रहते हैं और धार्मिक कार्यों से जुड़े रहते हैं उनका जीवन सुखमय रहता है।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 27 Jun 2024 09:14 AM (IST)
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    Ashadha Month 2024:बेल के पेड़ की पूजा ऐसे करें -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में आषाढ़ का महीना बेहद पवित्र माना जाता है। हिंदू कैलेंडर का यह चौथा मास है। इस महीने भगवान विष्णु के साथ भगवान सूर्य की पूजा का विधान है। इस साल आषाढ़ माह की शुरुआत 23 जून, 2024 से हो चुकी है। वहीं, इसका समापन 21 जुलाई, 2024 को होगा।

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    धार्मिक दृष्टि से इस मास (Ashadha Month 2024) में बेल के पेड़ की पूजा बहुत फलदायी मानी जाती है, जिसे करने से सुख-संपत्ति समेत कई भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है, तो आइए जानते हैं कैसे बेल के वृक्ष की पूजा करनी है?

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    बेल के पेड़ की पूजा विधि

    • प्रात: स्नान करके साफ कपड़े धारण करें।
    • मंदिर को साफ करें।
    • देवी-देवताओं की पूजा के बाद बेल की पूजा करें।
    • बेलपत्र पर दूध डालकर जल अर्पित करें।
    • उसपर चंदन का लेप लगाएं।
    • उसके समक्ष देसी घी का दीपक जलाएं और कलावा बांधें।
    • उसके सामने 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप भाव के साथ करें।
    • फल, मिठाई अन्य सात्विक चीजों का भोग लगाएं।
    • अंत में आरती करें।
    • कलावा बांधते हुए बेल के वृक्ष की 11 बार परिक्रमा करें।
    • तामसिक चीजों से दूर रहें।
    • शिव जी का ध्यान अवश्य करें।
    • पूजा के बाद गरीबों को भोजन खिलाएं।
    • शिव के नाम से दान-दक्षिणा करें।
    • सात्विकता का पालन करें।

    श्री हरि की पूजा इन मंत्रों से करें

    • ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
    • ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
    • ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।