Pradosh Vrat के दिन इन गलतियों से नाराज हो सकते हैं महादेव, जानिए क्या करें और क्या न करें?
वैदिक पंचांग के अनुसार वैशाख माह का पहला प्रदोष व्रत 25 अप्रैल (Pradosh Vrat 2025 Date) को किया जाएगा। प्रदोष व्रत के दिन शुक्रवार होने के कारण इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाएगा। प्रदोष व्रत का दिन भगवान शिव और मां पार्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। धार्मिक मत है कि इस व्रत को करने से साधक को भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2025) का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। यह पर्व भगवान शिव को समर्पित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन महादेव और मां पार्वती की पूजा करने से जीवन में सभी सुख मिलते हैं। साथ ही सभी मुरादें पूरी होती हैं ।
ऐसा माना जाता है कि प्रदोष व्रत के दिन कुछ गलतियों को करने से साधक को महादेव की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है। ऐसे आइए जानते हैं कि प्रदोष व्रत के दिन क्या करें और क्या न करें?
प्रदोष व्रत के दिन क्या करें (What to do on Pradosh Vrat day)
- इस दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शिव की पूजा-अर्चना करें।
- शिवलिंग पर फूल, भांग, बेलपत्र समेत आदि चीजें अर्पित करें।
- सच्चे मन से आरती और शिव चालीसा का पाठ करें।
- शिव जी के मंत्रों का जप करें।
- सात्विक भोजन के द्वारा व्रत का पारण करें।
- इसके बाद मंदिर या गरीब लोगों में विशेष चीजों का दान करें।
- रात्रि में भजन-कीर्तन करें।
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प्रदोष व्रत के दिन क्या न करें (What not to do on Pradosh Vrat day)
- प्रदोष व्रत के दिन किसी का अपमान नहीं करें ।
- प्रदोष व्रत के दिन तामसिक भोजन का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
- व्रत के दौरान किसी के बारे में किसी के प्रति गलत नहीं सोचें।
- काले रंग के कपड़ें न पहनें।
- शिवलिंग पर तुलसी दल भूलकर न चढ़ाएं।
- किसी से वाद-विवाद न करें।
प्रदोष व्रत 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2025 Date and Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 25 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 26 अप्रैल को सुबह 8 बजकर 27 मिनट पर होगा। ऐसे में 25 अप्रैल को शुक्र प्रदोष व्रत किया जाएगा।
शिव जी के मंत्र -
शिव मूल मंत्र - ॐ नमः शिवाय॥
भगवान शिव का गायत्री मंत्र - ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
महामृत्युंजय मंत्र - ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् | उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||
ध्यान मंत्र - करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा। श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधं। विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व। जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो ॥
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