Pradosh Vrat 2025 Upay: जल्द पाना चाहते हैं एक योग्य जीवनसाथी, तो प्रदोष व्रत पर जरूर करें ये उपाय
प्रदोष व्रत को शिव जी की कृपा प्राप्ति के लिए एक उत्तम तिथि माना गया है। चैत्र माह का पहला प्रदोष व्रत गुरुवार 27 मार्च को किया जाएगा। गुरुवार के दिन पड़ने के कारण इसे गुरु प्रदोष व्रत भी कह सकते हैं। ऐसे में यदि आप भी एक योग्य जीवनसाथी चाहते हैं तो इसके लिए प्रदोष व्रत पर कुछ खास उपाय कर सकते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर माह में आने वाली कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि (Pradosh Vrat 2025) पर प्रदोष व्रत किया जाता है। इस तिथि पर भगवान शिव का पूजन करना और व्रत करना बहुत ही शुभ माना गया है। इससे महादेव अति प्रसन्न होते हैं और साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इस दिन शिव जी की पूजा प्रदोष काल में की जाती है।
प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 27 मार्च को देर रात 01 बजकर 42 मिनट पर हो रहा है। वहीं इस तिथि का समापन 27 मार्च को रात 11 बजकर 03 मिनट पर होगा। प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में करना शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा का मुहूर्त इस प्रकार रहने वाला है -
भगवान शिव की पूजा का मुहूर्त - शाम 06 बजकर 50 मिनट से रात 09 बजकर 11 मिनट तक
इस तरह करें पूजा
एक योग्य वर पाने के लिए कुंवारी कन्याएं प्रदोष व्रत के दिन खास तरीके से पूजा-अर्चना कर सकती हैं। इसके लिए प्रात: काल में स्नान आदि करने के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनें। इसके बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और इसके बाद बेलपत्र अर्पित करें। इसके साथ ही शिवलिंग पर गंगाजल, भांग, धतूरा, दूध आदि भी चढ़ाएं।
धूप-दीप जलाकर शिव जी के मंत्रों का जप करें। प्रदोष काल में शुभ मुहूर्त में पुनः शिव जी की पूजा-अर्चना करें और कथा न शिव चालीसा का पाठ करें। अंत में शिव जी की आरती करें। ऐसा करने से जातक को मनचाहे वर की प्राप्ति हो सकती है।
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(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
नहीं आएगी कोई बाधा
अगर आपके विवाह में किसी तरह की बाधा आ रही है, तो इसके लिए प्रदोष व्रत के दिन आप ये उपाय कर सकते हैं। इसके लिए 108 बेलपत्र लें और उनपर चंदन से 'श्री राम' लिखकर महादेव को एक-एक करके अर्पित करें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से जातक के विवाह में आ रही हर तरह की बाधा दूर होती है और जल्द ही विवाह के लिए योग बनते हैं।
जरूर करें ये काम
माना जाता है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने व शिव चालीसा का पाठ करने से साधक को विशेष कृपा की प्राप्ति होती है और उसके विवाह में आ रही सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्त मिल जाती है। इसी के साथ जीवन की अन्य समस्याओं से जातक को राहत देखने को मिलती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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