Pradosh Vrat 2025: आज है शनि प्रदोष व्रत, नोट करें शिव पूजन विधि, प्रिय फूल से लेकर सबकुछ
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का खास महत्व है। इस दिन भगवान शंकर की पूजा होती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन शिव पूजन करने और कठिन उपवास रखने से जीवन में आने वाली सभी समस्याएं दूर होती हैं। साथ ही घर में खुशहाली आती है। इस बार यह व्रत ( Pradosh Vrat 2025) 11 जनवरी यानी आज के दिन रखा जा रहा है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रदोष व्रत का दिन अपने आप में खास होता है। यह विशेष दिन महीने में दो बार आता है। इस पावन मौके पर लोग भगवान शिव की पूजा करते हैं और उनके लिए उपवास रखते हैं। इस दिन गोधूलि बेला की पूजा का महत्व है, जो भक्त इस व्रत का पालन करते हैं, उन्हें शिव जी की कृपा से अच्छे स्वास्थ्य, धन और ज्ञान की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, दिन शनिवार यानी आज 11 जनवरी को शनि प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2025) रखा जा रहा है, तो आइए इस दिन शिव जी को कैसे प्रसन्न करना है, उसकी विधि जानते हैं।
प्रदोष व्रत 2025 पूजा विधि (Puja Vidhi)
सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें। फिर शिव जी के सामने व्रत का संकल्प लें। एक वेदी पर शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करें। गंगाजल से प्रतिमा को अच्छी तरह साफ करें। सफेद चंदन का तिलक लगाएं। देसी घी का दीपक जलाएं। खीर, बर्फी, फल, मिठाइयों, ठंडई, लस्सी आदि चीजों का भोग लगाएं। प्रदोष व्रत कथा, पंचाक्षरी मंत्र और शिव चालीसा का पाठ करें। प्रदोष काल में भी विधिवत पूजा करें।
आरती से पूजा को पूर्ण करें। अगले दिन अपने व्रत का पारण करें। पारण शिव प्रसाद से ही करें। तामसिक चीजों से परहेज करें। इससे जीवन में खुशहाली आएगी।
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भोग - सफेद बर्फी और खीर।
प्रिय - कनेर और आक।
प्रदोष व्रत 2025 शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2025 Puja Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार शनि प्रदोष व्रत पर सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 7 बजकर 15 मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। साथ ही अमृत सिद्धि योग सुबह 07 बजकर 15 मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। वहीं, गोधूलि मुहूर्त शाम 05 बजकर 40 मिनट से 06 बजकर 08 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 08 मिनट से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।
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