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    Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत में करें इन चीजों का सेवन, महादेव की कृपा से चमक जाएगी किस्मत

    Updated: Wed, 11 Sep 2024 06:04 PM (IST)

    हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह में प्रदोष व्रत 15 सितंबर (Pradosh Vrat 2024 Date) को है। यदि आप भगवान शिव और मां पार्वती की कृपा के भागी बनना चाहते हैं तो इस दिन विधिपूर्वक व्रत करें और अगले दिन स्नान करने के बाद व्रत का पारण करें।

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    Lord Shiv: प्रदोष व्रत के दिन संध्याकाल में होती है महादेव की पूजा

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में शिव परिवार की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रदोष व्रत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन महादेव की पूजा और व्रत करने से साधक को शारीरिक और मानसिक कष्ट से छुटकारा मिलता है। साथ ही जीवन में सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। इस व्रत में खानपान के नियमों का पालन करना चाहिए। माना जाता है कि इन नियमों का पालन न करने से साधक को पूजा (Pradosh Vrat 2024 Puja Vidhi) का शुभ फल प्राप्त नहीं होता है। आइए जानते हैं प्रदोष व्रत में किन चीजों का सेवन किया जा सकता है।

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    प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त

    भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी (Pradosh Vrat 2024 Shubh Muhurat) तिथि 15 अगस्त को देर रात 01 बजकर 42 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 16 सितंबर को देर रात 12 बजकर 19 मिनट पर होगा। त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में होती है। ऐसे में 15 सितंबर को रवि प्रदोष व्रत किया जाएगा।

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    इन चीजों का कर सकते हैं सेवन

    • प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद महादेव की पूजा करें और सभी कार्यों में सफलता प्राप्ति के लिए कामना करें। व्रत के दौरान सात्विक फलाहार का सेवन करना चाहिए।
    • फलाहार में साबूदाने की खीर, कुट्टू के आटे के पकोड़े और फल को शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा फलाहार थाली में साबूदाने की कचौडी, दूध और दही को भी अवश्य शामिल करें।

    इस बात का रखें ध्यान

    इन सभी चीजों का सेवन करने से पहले महादेव को भोग जरूर लगाएं। इस दौरान एक बात का विशेष ध्यान रखें कि भोग अर्पित करते समय निम्न मंत्र का जप जरूर करें। मान्यता है कि इस मंत्र के जप के बिना प्रभु भोग स्वीक्वार नहीं करते हैं।

    त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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