Pradosh Vrat 2023: इस दिन रखा जाएगा रवि प्रदोष व्रत, जानें तिथि-मंत्र और महत्व
Pradosh Vrat 2023 सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का बड़ा ही धार्मिक महत्व है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस शुभ दिन पर व्रत रखते हैं उन्हें सुख और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। कुछ लोग इस विशेष दिन पर भगवान शिव के नटराज रूप की भी पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दौरान भोलेबाबा ने तांडव करके राक्षस अप्सरा पर विजय प्राप्त की थी।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली।Pradosh Vrat 2023: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत बेहद शुभ माना गया है। इस दिन भगवान शिव की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस दिन सच्चे भाव के साथ पूजा करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भक्त इस पवित्र दिन पर उपवास रखते हैं और शिव जी की पूजा मां पार्वती के साथ करते हैं।
इस माह प्रदोष व्रत 10 दिसंबर दिन रविवार को रखा जाएगा। रविवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को रवि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है।
प्रदोष व्रत तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह का पहला प्रदोष व्रत 10 दिसंबर दिन रविवार को रखा जाएगा। इस माह रवि प्रदोष व्रत की शुरुआत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 10 दिसंबर सुबह 7 बजकर 13 मिनट पर होगी। साथ ही इसका समापन 11 दिसंबर सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर होगा। ऐसे में प्रदोष व्रत 10 दिसंबर को रखा जाएगा।
शिव मंत्र
श्री सांबसदाशिवाय नम:
श्री रुद्राय नम:
ओम पार्वतीपतये नम:
ओम नमो नीलकण्ठाय नम:
प्रदोष व्रत का महत्व
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का बड़ा ही धार्मिक महत्व है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस शुभ दिन पर व्रत रखते हैं उन्हें सुख और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। कुछ लोग इस विशेष दिन पर भगवान शिव के नटराज रूप की भी पूजा करते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान भोलेबाबा ने तांडव करके राक्षस अप्सरा पर विजय प्राप्त की थी। बता दें, भगवान शिव के नृत्य रूप को नटराज के रूप में जाना जाता है, जिनकी आराधना से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
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