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    Pitru Paksha 2025: इस साल कब से हो रही है पितृ पक्ष की शुरुआत, अभी से नोट कर लें डेट

    Updated: Thu, 23 Jan 2025 04:04 PM (IST)

    हिंदू मान्यताओं के अनुसार पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2025) में पितरों के निमित्त श्राद्ध तर्पण और पिंडदान आदि करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और वह साधक पर अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं। साथ ही यह समय पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए भी बहुत अच्छा माना गया है। वहीं नियमों की अनदेखी करने पर पितृ दोष का भी सामना करना पड़ सकता है।

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    Pitru Paksha 2025 पितृ पक्ष में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष (Importance of Pitru Paksha) की शुरुआत मानी जाती है। जिसका समापन आश्विन माह की अमावस्या पर होता है।

    पितृ पक्ष की इस 15 दिनों की अवधि में अपने पूर्वजों को भोजन और अर्पण कर श्रद्धांजलि दी जाती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस साल पितृपक्ष की शुरुआत कब से हो रही है और इस दौरान व्यक्ति को किन बातों का खासतौर से ध्यान रखना चाहिए।

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    कब होगी पितृपक्ष की शुरुआत (Pitru Paksha start date)

    पंचांग के अनुसार, इस साल भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि 07 सितंबर को देर रात 01 बजकर 41 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन बजे 07 सितंबर को ही रात 11 बजकर 38 मिनट पर होगा। ऐसे में रविवार, 07 सितंबर 2025 के दिन से ही पितृ पक्ष की शुरुआत मानी जा रही है। वहीं इसका समापन सर्व पितृ अमावस्या के दिन होगा, जो इस साल 21 सितंबर 2025 को मनाई जाएगी।

    पितृ पक्ष में ध्यान रखें ये बातें (Pitru Paksha Ke Niyam)

    पितृपक्ष के दौरान पितरों को याद जरूर करना चाहिए। इसी के साथ पितृ पक्ष में सात्विक भोजन करना चाहिए और मांस-मदिरा से दूरी बनानी चाहिए। इस अवधि में आपको रोजाना गीता का पाठ करने से भी काफी लाभ मिल सकता है।

    इस समय में आपको अपनी क्षमता के अनुसार, ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए और दान-दक्षिणा देनी चाहिए। इसी के साथ पंचबलि अर्थात गाय, कुत्ते, कौवे, देव और चींटी के लिए भी भोजन निकालें। अगर आप पितृ पक्ष में इस सभी बातों का ध्यान रखते हैं, तो इससे आपके ऊपर पितरों की कृपा बनी रहती है।

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    न करें ये काम (Pitru Paksha rituals)

    पितृ पक्ष में कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, सगाई, मुंडन और गृह प्रवेश करने की मनाही होती है। इसी के साथ नए कपड़े, गहने आदि खरीदना भी पितृ पक्ष में शुभ नहीं माना जाता। पितृ पक्ष में नया वाहन, मकान या जमीन आदि भी नहीं खरीदनी चाहिए। वरना इससे आपको शुभ परिणाम नहीं मिलते।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।