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    Pitru Paksha 2024 Rules: पटरी पर आएगी जीवन की गाड़ी, नहीं रहेगी तिजोरी खाली, पितृ पक्ष के तीसरे दिन जरूर करें ये काम

    Updated: Fri, 20 Sep 2024 09:04 AM (IST)

    गरुड़ पुराण के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान पितरों की आराधना करने से साधक को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही इस दौरान पितरों को तर्पण और गीता का पाठ भी परम फलदायी माना जाता है। अगर आप भी पितृ दोष से मुक्ति पाना चाहते हैं तो पितृ पक्ष के दौरान कुछ ऐसे कार्य उन्हें अवश्य करें। इससे आपके जीवन में बरकत आएगी।

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    Pitru Paksha 2024 Rules: पितृ पक्ष के तीसरे दिन करें ये काम

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पितृ पक्ष शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी 18 सितंबर 2024 से शुरू हो चुका है। गरुड़ पुराण के अनुसार, इस समय हमारे पूर्वज पृथ्वी पर आते हैं और सभी के दुखों को दूर करते हैं। सर्वपितृ अमावस्या के साथ इस महत्वपूर्ण समय का समापन हो जाता है। इसके पश्चात पूर्वज अपने धाम पितृ लोक में वापस चले जाते हैं। बता दें, श्राद्ध पक्ष का समापन 2 अक्टूबर, 2024 को होगा, तो आइए पितृ पक्ष के तीसरे दिन (Pitru Paksha 2024 Third Day) कुछ महत्वपूर्ण बातों को जान लेते हैं, जिनका पालन करना बहुत जरूरी होता है।

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    पितृ पक्ष के तीसरे दिन करें ये काम (Shradh Paksha Ke Niyam)

    • पूर्वजों से जुड़े पूजा अनुष्ठान जैसे - पितृ तर्पण, दान-पुण्य और पिंडदान जरूर करें।
    • जिनकी कुंडली में पितृ दोष है, वे अपने पूर्वजों की मुक्ति के लिए पिंडदान कर सकते हैं।
    • इस दौरान गंगा नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है।
    • इस अवधि में गाय, कौवे और कुत्ते को भोजन खिलाना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है।
    • इस समय जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं और उनकी मदद करें।
    • घर पर ब्राह्मणों को आमंत्रित करें और उन्हें भोजन, वस्त्र और दक्षिणा दें।
    • पितरों की शांति के लिए गायत्री पाठ का आयोजन करें।
    • घर आए किसी भी मेहमान का अपमान न करें।
    • मन और घर की सात्विकता बनाए रखें।
    • गौ माता का अनादर गलती से भी न करें।
    • ज्यादा से ज्यादा पूजा-पाठ करें।

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    पितरों देव का पूजन मंत्र

    1. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।

    2. ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।

    3. ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:।

    4. ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि। शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।