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    Pitru Paksha 2024: बिना पंडित के पितरों का कैसे करें तर्पण? प्रसन्न होंगे पितृ

    Updated: Thu, 19 Sep 2024 12:24 PM (IST)

    हिंदू धर्म में पितृ पक्ष की अवधि को बहुत ही विशेष माना जाता है। इस अवधि में पितरों के निमित्त श्राद्ध तर्पण और पिंडदान आदि किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इससे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और वह प्रसन्न होकर जीवन के सभी दुख को दूर करते हैं। वहीं इस दौरान (Pitru Paksha) अपने पितरों का तर्पण कैसे करना है आइए उसके बारे में जानते हैं।

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    Pitru Paksha 2024: घर पर ऐसे करें तर्पण।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में पितृ पक्ष को एक महत्वपूर्ण अवधि माना गया है, जो 18 सितंबर, 2024 से आरंभ हो चुकी है। यह 16 दिनों की अवधि अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व रखती है, क्योंकि माना जाता है कि इस दौरान पूर्वज पृथ्वी पर आते हैं और सभी के कष्टों का नाश करते हैं। 2 अक्टूबर, 2024 को सर्वपितृ अमावस्या के साथ इसका समापन होगा। वहीं, जो लोग अपने पितरों की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं और पितृ दोष से छुटकारा पाना चाहते हैं, उन्हें इस दौरान अपने पितरों का तर्पण जरूर करना चाहिए,

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    लेकिन अगर किसी वजह से तर्पण के लिए पंडित नहीं मिल पा रहा है, तो आप घर पर ही तर्पण कर सकते हैं, जिसकी सही विधि यहां पर साझा की गई है।

    घर पर ऐसे करें तर्पण (Pitru Paksha 2024 Tarpan Vidhi)

    • जहां तर्पण करना हो, वहां गंगाजल का छिड़काव करें।
    • इसके बाद एक दीया जलाएं।
    • जिसका तर्पण करना हो उसका चित्र स्थापित करें।
    • पितृ देवता के मंत्रों से उनका आवाहन करें।
    • कुश की जूड़ी लेकर जल से भरे लोटे में डालें।
    • फिर पितरों का नाम लेते हुए जल चढ़ाएं।
    • इसके साथ ही दूध, दही, घी आदि को भी जल में मिलाकर अर्पित करें।
    • तर्पण के समय ओम तर्पयामी मंत्र का जाप करें।
    • पिंड बनाकर उन्हें कुश पर रखकर जल से सींचें।
    • उनका प्रिय भोजन चढ़ाएं।
    • फिर पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित करें।
    • अंत में पशु और पक्षियों को भोजन कराएं।
    • तर्पण के पश्चात क्षमता अनुसार दान-पुण्य करें।

    पितरों को प्रसन्न करने का आसान मंत्र

    1. ॐ पितृ देवतायै नम:।।

    2. ओम आगच्छन्तु में पितर एवं ग्रहन्तु जलान्जलिम।।

    3. ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।