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    Pitru Paksha 2024 Rules: पितृ पक्ष के चौथे दिन करें ये काम, पितृ दोष के साथ दूर होंगे सारे कष्ट

    गरुड़ पुराण के अनुसार श्राद्ध पक्ष में पितरों की उपासना करने से साधक को पितृ दोष के बुरे प्रभाव से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही इस अवधि में पितरों का तर्पण और गीता का पाठ भी परम फलदायी माना गया है। अगर आप भी अपने पितरों को खुश करना चाहते हैं तो पितृ पक्ष के दौरान कुछ ऐसे कार्य हैं जिन्हें अवश्य करें। इससे आपके जीवन में शुभता आएगी।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 21 Sep 2024 09:36 AM (IST)
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    Pitru Paksha 2024 Rules: पितृ पक्ष के तीसरे दिन करें ये काम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पितृ पक्ष का समय बहुत विशेष माना जाता है। इसे श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है। यह पितरों का तर्पण करने के लिए एक महत्वपूर्ण अवधि है, जो 16 दिनों तक चलती है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही पितृ दोष से जुड़ी मुश्किलों का निवारण होता है। वहीं, इस अवधि के लिए कुछ जरूरी नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना भी बहुत जरूरी होता है। हालांकि कई बार लोग इसे अनदेखा कर देते हैं, जो कि नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे जीवन में क्लेश उत्पन्न होता है, चलिए उन नियमों के बारे में जानते हैं।

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    क्या करें?

    • श्राद्ध पक्ष के दौरान पितरों का तर्पण और पिंडदान जरूर करना चाहिए।
    • इस समय गंगा नदी में स्नान करना अच्छा माना जाता है।
    • इस अवधि में गाय, कौवे और कुत्ते को भोजन खिलाना चाहिए।
    • इस काल में घर पर ब्राह्मणों को आमंत्रित करें और उन्हें भोजन, वस्त्र और दक्षिणा दें।
    • पितरों की शांति के लिए गीता पाठ का आयोजन करें।
    • घर आए किसी भी मेहमान का अपमान न करें।
    • मन और घर की सात्विकता बनाए रखें।
    • ज्यादा से ज्यादा पूजा-पाठ करें।

    क्या न करें?

    • इस दौरान कोई भी तामसिक भोजन न करें।
    • इन दिनों ब्रह्मचर्य बनाए रखें, क्योंकि पितृ पृथ्वी पर आते हैं और वे अपने घर पर भी जाते हैं।
    • इस दौरान नए कपड़े, सोना-चांदी, जेवर आदि नहीं खरीदना चाहिए।
    • इस अवधि में गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए।
    • इस दौरान शराब और जुआ से भी दूर रहना चाहिए।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।