Phulera Dooj 2025 Date: फाल्गुन महीने में कब है फुलेरा दूज? जानें शुभ मुहूर्त एवं योग
हर साल फाल्गुन पूर्णिमा तिथि पर होली मनाई जाती है। इससे एक दिन पहले होलिका दहन मनाया जाता है। फुलेरा दूज (Phulera Dooj 2025 Date) के दिन भगवान कृष्ण और जगत की देवी राधा रानी की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में फाल्गुन महीने का खास महत्व है। यही महीना देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस महीने में महाशिवरात्रि मनाई जाती है। वहीं, फाल्गुन पूर्णिमा तिथि पर होली मनाई जाती है। होली की शुरुआत फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से हो जाती है। इस दिन फुलेरा दूज का त्योहार मनाया जाता है।
सनातन शास्त्रों में निहित है कि द्वापर युग में फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर पहली बार जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण ने फूलों की होली खेलने की शुरुआत की थी। उस समय से हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर फूलों की होली खेली जाती है। आइए, फुलेरा दूज (Phulera Dooj 2025) की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-
फुलेरा दूज शुभ मुहूर्त (Phulera Dooj Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह (Phulera Dooj 2025 Shubh Muhurat) के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 01 मार्च को देर रात 03 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वतीया तिथि का समापन 02 मार्च को देर रात 12 बजकर 09 मिनट पर होगा। उदया तिथि गणना से 01 मार्च को फुलेरा दूज मनाई जाएगी।
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पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 46 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 21 मिनट पर
- अमृत काल - सुबह 04 बजकर 40 मिनट से 06 बजकर 06 मिनट तक
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 07 मिनट से 05 बजकर 56 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 29 मिनट से 03 बजकर 16 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 18 मिनट से 06 बजकर 43 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 08 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक
फुलेरा दूज शुभ योग (Phulera Dooj Yoga)
ज्योतिषियों की मानें तो फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इनमें शुभ, साध्य, त्रिपुष्कर योग और शिववास योग का भी संयोग बन रहा है। इन योग में जगत के पालनहार भगवान कृष्ण और श्रीराधा रानी की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही सुख और सौभाग्य में भी वृद्धि होगी।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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