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    Phalgun Amavasya 2025: फाल्गुन अमावस्या पर दुर्लभ शिव योग समेत बन रहे हैं 5 अद्भुत संयोग

    गरुड़ पुराण में वर्णित है कि अमावस्या तिथि (Phalguna Amavasya significance) पर पितरों का तर्पण करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। तर्पण एवं पिंडदान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा से साधक के सुख सौभाग्य एवं वंश में वृद्धि होती है। फाल्गुन अमावस्या पर भगवान शिव की पूजा करने से जातक को कुंडली में व्याप्त अशुभ ग्रहों के प्रभाव से मुक्ति मिलती है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 20 Feb 2025 06:06 PM (IST)
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    Phalgun Amavasya 2025: फाल्गुन अमावस्या का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Phalgun Amavasya 2025 Yoga: वैदिक पंचांग के अनुसार, 27 फरवरी को फाल्गुन अमावस्या है। सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इस शुभ तिथि पर न केवल गंगा स्नान किया  जाता है, बल्कि पूजा, जप-तप और दान-पुण्य भी किया जाता है। अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण एवं पिंडदान भी किया जाता है।  

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    ज्योतिषियों की मानें तो फाल्गुन अमावस्या पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में देवों के देव महादेव की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही पितृ दोष से भी मुक्ति मिलेगी। आइए, फाल्गुन अमावस्या (Phalguna Amavasya 2025) पर बनने वाले योग के बारे में जानते हैं-

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    फाल्गुन अमावस्या शुभ मुहूर्त (Phalgun Amavasya Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन अमावस्या 27 फरवरी को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 28 फरवरी को सुबह 06 बजकर 14 मिनट पर फाल्गुन अमावस्या की समाप्ति होगी। उदया तिथि अनुसार 27 फरवरी को फाल्गुन अमावस्या मनाई जाएगी।

    फाल्गुन अमावस्या शुभ योग (Phalgun Amavasya Shubh Yoga)

    फाल्गुन अमावस्या पर दुर्लभ शिव योग का संयोग बन रहा है। इस योग का समापन देर रात 11 बजकर 41 मिनट पर होगा। इसके बाद साध्य योग का संयोग है। ज्योतिष शिव योग को बेहद शुभ मानते हैं। इस योग में गंगा स्नान कर भगवान शिव की पूजा करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही हर मनोकामना पूरी होती है।

    शिववास योग

    फाल्गुन अमावस्या पर शिव योग के साथ-साथ शिववास योग का भी संयोग है। शिववास योग का निर्माण सुबह 08 बजकर 54 मिनट से हो रहा है। इस दौरान भगवान शिव कैलाश पर जगत की देवी मां पार्वती के साथ रहेंगे। इस समय में भगवान शिव का अभिषेक करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। फाल्गुन अमावस्या पर धनिष्ठा एवं शतभिषा नक्षत्र का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त का संयोग है। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से लेकर 12 बजकर 57 मिनट तक है।

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।