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    Phalgun Amavasya 2025: फाल्गुन अमावस्या पर इस विधि से करें पूजा, नोट करें नियम और मंत्र

    सनातन धर्म में फाल्गुन अमावस्या को बहुत विशेष माना जाता है। अमावस्या तिथि (Falgun Amavasya 2025) पर नए व शुभ कार्य करने की मनाही होती है। हालांकि इस मौके पर पवित्र नदी में स्नान और दान आदि करना शुभ माना जाता है। साथ ही इससे जीवन में शुभता का आगमन होता है तो आइए इस तिथि का सही पूजा नियम जानते हैं।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 23 Feb 2025 03:30 PM (IST)
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    Phalgun Amavasya 2025 Puja Vidhi: फाल्गुन अमावस्या पूजा नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। अमावस्या का दिन पितरों की पूजा करने के लिए सबसे उत्तम दिनों में से एक माना जाता है। यह दिन हिंदुओं के बीच बहुत धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। इस तिथि पर लोग विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य करते हैं जैसे - मंत्र जाप, हवन, दान और दक्षिणा आदि। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल फाल्गुन माह की अमावस्या 27 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी, तो आइए इस दिन (Phalgun Amavasya 2025) की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त जानते हैं।

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    फाल्गुन अमावस्या पूजा नियम (Phalgun Amavasya 2025 Puja Vidhi)

    • इस तिथि पर अपने मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करने के लिए जल्दी उठें और गंगा नदी में स्नान करें।
    • इस दिन पितृ दोष के प्रभाव को कम करने के लिए पितरों का तर्पण करने का बहुत ज्यादा महत्व है।
    • इस दिन जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े और धन का दान करना भी बहुत ही शुभ माना जाता है।
    • इस तिथि पर भगवद गीता और रामचरितमानस का पाठ जरूर करना चाहिए।
    • इस तिथि पर तामसिक चीजों से परहेज करना चाहिए।
    • इस दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देना भी कल्याणकारी माना जाता है।
    • इस दिन विवाद करने से बचना चाहिए।
    • इस दिन किसी के बारे में बुरा बोलने से बचना चाहिए।
    • कहा जाता है कि जिन लोगों की मृत्यु की तिथि न पता हो इस दिन उनका पिंडदान करने से उन्हें मुक्ति मिल जाती है। इसलिए जानकार पुरोहित से उनका पिंडदान जरूर करवाएं।

    फाल्गुन अमावस्या 2025 कब है? (Phalgun Amavasya Kab hai?)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 27 फरवरी को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 28 फरवरी को सुबह 06 बजकर 14 मिनट पर होगा। ऐसे में फाल्गुन अमावस्या 27 फरवरी के दिन मनाई जाएगी।

    इन मंत्रों से करें अपने पितरों की उपासना (Phalgun Amavasya Puja Mantra)

    • ॐ श्री पितराय नम:।।
    • ओम आगच्छन्तु में पितर एवं ग्रहन्तु जलान्जलिम।।
    • ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।।
    • ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।